एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesअमरीका की एक पत्रिका ने प्राणायाम को एक नया नाम देकर उसके फ़ायदे बताने शुरू
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अमरीका की एक पत्रिका ने प्राणायाम को एक नया नाम देकर उसके फ़ायदे बताने शुरू किए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने प्राणायाम का इतिहास याद दिला दिया.
साइंटिफ़िक अमेरीकन नाम की मैग्जीन ने जिस तरह से 'कार्डियाक कोहेरेंस ब्रीदिंग' के फ़ायदे और फ़ोटो का इस्तेमाल किया है उससे साफ प्रतीत होता है कि मैग्जीन प्राणायाम की बात कर रही है.
मैग्ज़ीन ने प्रॉपर ब्रीदिंग ब्रिंग्स बेटर हेल्थ में कार्डियाक कोहेरेंस ब्रीदिंग के बारे में बताया है, जिसमें सांस लेने जैसी कई तकनीकों पर ध्यान दिया गया है. इसमें बताया गया है कि कैसे इस एक्सरसाइज़ से अनिद्रा और मन को शांत रखा जा सकता है, नियमित करते रहने से कैसे रक्तचाप को नियंत्रित किया सकता आदि.
इसमें प्राणायाम का भी ज़िक्र करते हुए लिखा गया है कि प्राणायाम योग श्वसन संबंधी नियंत्रण को लेकर पहला सिद्धांत था जिसे दीर्घायु के लिए एक असरदार तरीका माना जाता था.
लेकिन सोशल मीडिया पर इसे शेयर करते ही भारतीयों ने मैग्ज़ीन की काफ़ी आलोचना की.
मैग्ज़ीन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्वीटर पर लिखा है कि कार्डियाक कोहेरेंस ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ दिल की धड़कन को स्थिर करती है और इससे मन को शांत रखने की क्षमता मजबूत होती है.
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प्राणायाम को नया नाम देने पर कई भारतीयों ने मैग्ज़ीन को प्राणायाम का अर्थ बताया और इसके अंग्रेज़ी नामकरण पर विरोध जताया.
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने भी लिखा, “2500 साल पुरानी प्राणायाम की भारतीय तकनीक के फायदों का विस्तार से वर्णन, 21वीं सदी की वैज्ञानिक भाषा में कार्डियक कोहरेंस ब्रीथिंग! पश्चिमी देशों को अभी कुछ सदियां लग जाएंगी ये सब सीखने में जो हमारे पूर्वज एक जमाने पहले सिखाकर गए हैं. लेकिन, आपका स्वागत है”.
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संक्रांत सानु लिखते हैं कि हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति से ज्ञान चुराकर इसे नया नाम देना और इस पर अपना दावा करना, फिर हमारी परंपराओं को अंधविश्वास कहकर उन पर हमला बोलना पश्चिम का इतिहास रहा है.
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तनवी नरुला नाम की महिला लिखती हैं कि हां इसे प्रणायाम कहते हैं. ये योगा का हिस्सा है. इसे हथियाने से पहले एक बार इसके बारे में जान लेते.
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हिंदू अमरीकन नाम के पेज ने ट्वीट किया कि ये कार्डियाम कोहेरेंस ब्रीदिंग नहीं बल्कि प्रणायाम है और भारत में ये लम्बे समय से है. हिंदुओं के आइडिया चुराकर उसका नाम बदलना छोड़ों.
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जबकि एक यूज़र का कहना है कि बहुत अच्छा स्पष्ट किया लेकिन जिसे ऐसा करने पर गुस्सा आ रहा है वो भी थोड़ा योगा कर ले.