एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटRajshri @Twitterराजश्री प्रोडक्शन्स से जुड़े जाने-माने प्रोड्यूसर राज कुमार बड़जात्या का
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राजश्री प्रोडक्शन्स से जुड़े जाने-माने प्रोड्यूसर राज कुमार बड़जात्या का निधन हो गया है.
राजश्री प्रोडक्शन ने उनकी मौत की पुष्टि की है और कहा है कि दुख के साथ हम सूचित करते हैं कि सूरज बड़जात्या के पिता राज कुमार बड़जात्या नहीं रहे."
राज कुमार बड़जात्या राजश्री पिक्चर्स के संस्थापक ताराचंद बड़जात्या के बेटे हैं और उन्होंने अधिकतर बतौर प्रोड्यूसर ही काम किया है.
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फ़िल्म व्यवसाय पर नज़र रखने वाले कोमल नहाटा ने ट्वीट किया है, रिलायंस हरकिशन दास अस्पताल में राज कुमार बड़जात्या की मौत हो गई है. कुछ दिन पहने प्रभादेवी में उनके दफ्तर पर मेरी उनसे मुल्क़ात हो हुई थी. वो स्वस्थ दिख रहे थे. और अब अचानक उनकी मौत हो गई."
फ़िल्म आलोचक तरण आदर्श ने ट्वीट किया, राज कुमार बड़जात्या जिन्हें हमें प्यार से राज बाबू कहते थे वो नहीं रहे."
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लता और राजश्री का बेजोड़ मेल
राजश्री की फ़िल्मों में अधिकतर लता मंगेशकर के गीत सुनने में आते हैं. अपनी किताब 'लता: सुर गाथा' में यतींद्र मिश्रा इसका कारण बताते हैं.
वो लिखते हैं, राज कुमार बड़जत्या को लगता था कि अगर लता मंगेशकर उनके प्रोडक्शन की नई फ़िल्म में गाना गाने के लिए तैयार हो जाती हैं तो उनके फ़िल्म की सफलता सुनिश्चित होती है."
वो लिखते हैं कि उनका ऐसा सोचना सही साबित हुआ और लता की आवाज़ ने उनकी फ़िल्मों की व्यवसायिक सफलता को सुनिश्चित कर दिया था."
ये राजकुमार बड़जात्या ही थे जिन्होंने टेलीविज़न को एक मौक़े के रूप में देखा और इसके लिए ख़ास तरीके से ट्रेलर बनाना शुरु किया.
ग्लोबल बॉलीवुड में संगीता गोपाल और सुजाता मूर्ति का कहना है कि फ़िल्म से पहले उसके संगीत को लोगों तक पहुंचाने का काम उन्होंने बखूबी किया था.
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1964 में जन्मे राज कुमार बड़जात्या बॉलीवुड में कई बेहतर फ़िल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं. कई साल बतौर एसोसिएट प्रोड्यूसर काम शुरु करने के बाद उन्होंने 'हम आपके हैं कौन' फ़िल्म से बतौर प्रोड्यूसर काम शुरु किया.
उन्होंने 'हम आपके हैं कौन', 'हम साथ-साथ हैं', 'एक विवाह ऐसा भी' और 'प्रेम रतन धन पायो' जैसी पारिवारिक और रोमांटिक फ़िल्में बनाईं.
उनकी आख़िरी फ़िल्म है 'हम चार' जो इसी साल फरवरी में आई थी.
राजश्री प्रोडक्शन्स 'मैंने प्यार किया','दोस्ती' और 'नदिया के पार', 'अखियों के झरोखों से' और 'चित्तचोर' जैसी फ़िल्में बनाने के लिए जानी जाती है.
ताराचंद बड़जात्या ने साल 1947 में राजश्री पिक्चर्स की स्थापना की थी. इसका फ़िल्म डिवीज़न राजश्री प्रोडक्शन्स 1962 में अस्तित्व मेंआया था.
राजश्री बैनर के तले सबसे पहली फ़िल्म 'आरती' आई, जिसके बाद 'दोस्ती' बनी. 'दोस्ती' को छह फ़िल्मफेयर पुरस्कार से नवाज़ा गया था.
ताराचंद बड़जात्या के बाद उनके बेटों कमल कुमार, राज कुमार और अजित कुमार बड़जात्या ने कंपनी को संभाला.
राजकुमार के बेटे सूरज बड़जात्या ने 24 साल की उम्र में 'मैंने प्यार किया' से बतौर निर्देशक बॉलीवुड में कदम रखा. इसके बाद सूरज ने 'हम आपके हैं कौन' का निर्देशन किया.