एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटAFPपाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हु
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पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए इस संगठन से जुड़े 44 लोगों को हिरासत में लिया है.
इन लोगों में मसूद अज़हर के भाई मुफ़्ती अब्दुर रऊफ़ और हम्माद अज़हर जैसे लोग शामिल हैं.
भारत से लेकर पाकिस्तानी मीडिया में ये ख़बरें आ रही हैं कि पाकिस्तान ने ये कार्रवाई पुलवामा हमले से जुड़े डोज़ियर के आधार पर की है जिसे भारत सरकार ने पाकिस्तान को सौंपा है.
पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहरयार ख़ान अफ़रीदी ने इसी मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें से कई नाम भारत सरकार के डोज़ियर में शामिल थे.
लेकिन सवाल उठता है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनकी प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद में क्या भूमिका थी?
कौन हैं हम्मादअज़हर?
सामरिक मामलों के जानकार आमिर राना कहते हैं कि हम्माद अज़हर और मुफ़्ती अब्दुर रऊफ़ प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अज़हर के छोटे भाई हैं.
राना के मुताबिक़, ''इन दोनों लोगों को जैश-ए-मोहम्मद के उभरते हुए नेताओं के रूप में देखा जाता है और दोनों ही दक्षिणी पंजाब के बहावलपुर के रहने वाले हैं.''
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धार्मिक और सैन्य संस्थाओं पर अध्ययन करने वाले पत्रकार सूबुख़ सैय्यद ने बीबीसी के साथ बातचीत में बताया कि मौलाना मसूद अज़हर के चार भाई हैं.
मौलाना इब्राहिम सबसे बड़े हैं, उनके बाद मुफ़्ती अब्दुर रऊफ़ असग़र हैं, तीसरे नंबर पर ख़ुद मौलाना मसूद अज़हर हैं और हम्माद अज़हर सबसे छोटे भाई हैं.
शुरुआती दौर में इस संगठन में मुफ़्ती अब्दुर रऊफ़ और हम्माद अज़हर की कोई बड़ी भूमिका नहीं थी लेकिन मसूद अज़हर के जेल जाने के बाद इन्होंने संगठन की गतिविधियों में अपना योगदान दिया.
पत्रकार सैय्यद कहते हैं, हम्माद अज़हर के काम की बात करें तो संगठन के आर्थिक मामलों को हम्माद अज़हर देखता है. वहीं, संगठन की गतिविधियां मुफ़्ती रऊफ़ असग़र के हाथ में है. इन दोनों ही भाइयों ने जैश-ए-मोहम्मद की कराची और मुज़फ़्फ़राबाद रैलियों को सफल बनाने का काम किया था."
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भारत ने क्यों दिया इन लोगों के नाम?
भारत के डोज़ियर में इन लोगों के नाम शामिल होने की वजह को समझाते हुए आमिर राना कहते हैं, भारत मानता है कि बालाकोट में चलने वाला मदरसा इन दोनों भाइयों के नेतृत्व में ही चलता है जिसे भारतीय वायुसेना ने पिछले हफ़्ते निशाना बनाया था. ये दावा किया गया है कि ये दोनों भाई ही पुलवामा हमले के लिए ज़िम्मेदार हैं."
भारत का ये आरोप किस हद तक सही है इसका फ़ैसला तो डोज़ियर पर पाकिस्तान के आधिकारिक जवाब के बाद ही पता चलेगा. आमिर राना का कहना है कि पाकिस्तान ने अभी तक डोज़ियर में दिए गए नामों और दूसरी जानकारी की सत्यता के बारे में कोई बयान नहीं दिया है.
राना बताते हैं कि भारत सरकार पहले भी प्रतिबंधित संगठनों पर लगाम लगाने की बात करता आया है, लेकिन ये पहला मौक़ा है जब हम्माद अज़हर का नाम किसी चरमपंथी हमले में सामने आया है. लेकिन मुफ़्ती अब्दुर रऊफ़ का नाम पुलवामा से पहले उरी चरमपंथी हमले में भी आ चुका है.
भारत सरकार और भारतीय मीडिया मसूद अज़हर और उनके परिवार का नाम कई बार लेती रही है. इस मामले में भी कुछ ऐसा ही लगता है.
सुबूख़ सैय्यद का कहना है कि हम्माद अज़हर और मुफ़्ती अब्दुर रऊफ़ के नाम जैश-ए-मोहम्मद के अहम कार्यकर्ता होने के हवाले से मीडिया में आता रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने पर मीडिया में खुलकर उनका नाम नहीं लिया गया है. लेकिन सैय्यद के अनुसार ये दोनों भाई जैश-ए-मोहम्मद के संगठन में काफ़ी लोकप्रिय हैं.