एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटMike MacEacheranदुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनको किसी ना किसी चीज़ के प्रति दीवानगी
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दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनको किसी ना किसी चीज़ के प्रति दीवानगी होती है. स्विट्ज़रलैंड का सोलोथॉर्न ऐसा शहर है जहां लोगों को 11 नंबर से ग़ज़ब की दीवानगी है. और ये जुनूनी लगाव आज का नहीं, बल्कि 500 साल से भी ज़्यादा पुराना है.
यूं समझिए यहां के लोगों की ज़िंदगी 11 नंबर से शुरू होती है, और उसी पर आकर रूकती है. किसी शुभ काम के लिए भी 11 बजे का समय ही मुबारक माना जाता है.
स्विट्ज़रलैंड की जुरा पहाड़ियों के बीच बसा सोलोथॉर्न शहर 11 नंबर के प्रति लोगों की दीवानगी का राज़ समेटे है. शहर में सबसे ज़्यादा हैरान करती है वो दीवार घड़ी जिसमें 12 नंबर ही नहीं है. घड़ी से ये नंबर क्यों ग़ायब है ये आज भी स्विट्ज़रलैंड के लोगों के लिए पहेली है.
दो हज़ार वर्ष पहले रोमनवासियों ने सोलोथॉर्न शहर को बसाया था. शायद इसी दौर में 11 नंबर का ख़ुमार लोगों के दिलों पर चढ़ा था.
हैरत की बात है कि इस शहर में हरेक चीज़ 11 नंबर की तादाद में है. मिसाल के लिए यहां 11 चर्च हैं. 11 छोटे गिरजाघर बनाए गए हैं. 11 म्यूज़ियम, 11 फ़व्वारे और 11 ही टावर हैं.
यहां तक कि इमारतों की डिज़ाइनिंग में भी इस बात का ख्याल रखा गया कि हरेक डिज़ाइन को 11 मर्तबा दोहराया जाए. यानी अगर किसी एक बूटे में फूल बनाए जाएं तो वो भी 11 ही हों.
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इमेज कॉपीरइटMauritius images GmbH/Alamy11 नंबर के राज़ वाली इमारत
इस शहर के आर्किटेक्चर का विकास पंद्रहवीं सदी के दौरान हुआ था. एंटर नाम का म्यूज़ियम ऐसी इमारत में आबाद है, जहां कंप्यूटर और मॉडर्न टेक्नोलॉजी देखने को मिलती है. यहां आने वालों को शहर की इमारतें देखकर जितनी हैरानी होती है, उससे ज़्यादा हैरानी तो शहर का घड़ी टावर देखकर होती है.
इसे शहर की सबसे पुरानी बिल्डिंग कहा जाता है. ये तेरहवीं सदी में बनना शुरू हुआ था. इस टावर का नाम एस्ट्रोनॉमिकल टावर है. घड़ी में सोने के सितारे और बहुत से राजाओं की आकृतियां हैं, जो समय के साथ घड़ी में घूमती रहती हैं.
चलिए आगे बढ़ते हैं और आपको ले चलते हैं 11 नंबर के राज़ वाली एक और इमारत में. इसका नाम है कैथेड्रल ऑफ़ सेंट उरसस. इस चर्च का आर्किटेक्ट जितना शानदार है, उससे ज़्यादा हैरान कराने वाला है इस चर्च का 11 नंबर कनेक्शन.
इसे इटली के एक आर्केटेक्ट गिडियोन माटियो पिसोनी ने बनाया था जिसमें कई तरह के निशान इस्तेमाल किए गए. इन निशानों में कई ऐसी बातें छिपी हैं जिनका मतलब इन्हें देखने वाला अपने मुताबिक़ निकालता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस भवन में सीढ़ियों की क़तारें 11 हैं और हरेक क़तार में सीढ़ियां भी 11 हैं. यहां दो फ़व्वारे हैं जिनमें से एक पर इस चर्च को बनाने वाले आर्किटेक्ट का बुत है, और दूसरे पर मूसा का मुजस्समा बना है. दोनों फ़व्वारों में 11-11 नल हैं.
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इमारत की पूरी ऊंचाई को तीन हिस्सों में बांटा गया है. हरेक भाग की ऊंचाई भी 11 मीटर है. यहां तक कि चर्च में दरवाज़े खिड़कियां भी 11 की संख्या में हैं.
कहा जाता है कि पिसोनी को सरकारी आदेश था कि भवन निर्माण में 11 नंबर का ख़ास ख्याल रखा जाए. लिहाज़ा पिसोनी ने हुक्म की तामील करते हुए भवन के निर्माण में टाइल तक 11 प्रकार के इस्तेमाल किए.
गिरजाघर में श्रद्धालुओं के बैठने के लिए कुर्सियों की क़तारें 11 हैं और हर क़तार में कुर्सियां भी 11 हैं. चर्च की छत पर अक्सर लोग नहीं जाते लेकिन यहां से पूरे शहर का ख़ूबसूरत नज़ारा होता है.
सोलोथॉर्न में रहने वाले ये बात तो जानते हैं कि यहां 11 नंबर के लिए लोगों की अजीब दीवानगी है लेकिन इस दीवानगी की जड़ कहां है, ये उन्हें भी नहीं पता.
इमेज कॉपीरइटSlawek Staszczuk/AlamyImage caption कैथेड्रल ऑफ़ सेंट उरसस. बौनो से जुड़ी 11 नंबर की कहानी
हालांकि, इस बारे में कई तरह की लोक कहानियां प्रचलित हैं. एक लोक कथा है कि सोलोथॉर्न के लोग बहुत मेहनती थे. लेकिन, कभी उनके काम की तारीफ़ नहीं होती थी. पास की पहाड़ियों से आने वाले बौने ही उनके काम की तारीफ़ करते थे जोकि 11 की संख्या में होते थे. इसीलिए इस शहर के लोगों ने अपने लिए 11 नंबर को लकी माना.
दूसरी लोककथा के अनुसार 11 नंबर का संबंध बाइबिल से जुड़ा है. बाइबिल के मानने वाले इस नंबर को पवित्र मानते हैं. अंक ज्योतिष में भी इस नंबर को शुभ माना जाता है. शायद इसलिए भी यहां के लोग इस नंबर में इतना गहरा विश्वास रखते हैं.
सोलोथॉर्न और 11 नंबर के रिश्ते के तार मध्यकाल से भी जुड़ते हैं. 1481 में सोलोथॉर्न पहली बार स्विस महासंघ से अलग होकर स्वतंत्र प्रांत बना था. और सोलहवीं सदी में इसे 11 संरक्षित ज़िलों में बांटा गया.
यहां तक कि 1252 में सोलोथॉर्न में जब पहली बार काउंसिल के लिए चुनाव हुआ तो गिल्ड ने 11 मेंबर्स को ही चुना था.
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सोलोथॉर्न के 11 नबंर कनेक्शन के पीछे की मानसिक्ता को समझना तो मुश्किल है. लेकिन, ये नंबर यहां रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अभिन्न अंग बन चुका है. बच्चों का 11वां जन्मदिन यहां सबसे ज़्यादा धूमधाम से मनाया जाता है.
यहां की कॉन्फिसरी हॉफ़र बेकरी इस साल अपने 100 वर्ष पूरे कर चुकी है. जिसका नाम है 11-आई चॉकलेट बार. हालांकि, इसके नाम के साथ 11 नंबर कैसे जुड़ा, ये बात लोग नहीं जानते.
लेकिन, अपने इसी नाम की वजह से ये चॉकलेट बार काफ़ी मशहूर है. इसी तरह इलेवन बीयर नाम की बीयर फैक्ट्री के साथ भी ये नंबर कैसे जुड़ा, ये कोई नहीं जानता. लेकिन, इसी नाम की वजह से ये बीयर बार काफ़ी मशहूर हो गया है.
सोलोथॉर्न के साथ 11 नंबर का कनेक्शन करीब 500 साल पुराना हो चुका है. गुज़रते वक़्त के साथ ये संबंध और पुराना होता रहेगा. लेकिन 11 नंबर का राज़, शायद राज़ ही रहेगा.