एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटwww.dmc.tvफ़ेसबुक और ट्विटर पर यह एरियल फ़ोटोग्राफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पश्चिम
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फ़ेसबुक और ट्विटर पर यह एरियल फ़ोटोग्राफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पश्चिम बंगाल में हुई चुनावी जनसभा का बताकर शेयर किया जा रहा है.
दक्षिणपंथी रुझान वाले सोशल मीडिया ग्रुप्स में कुछ लोगों ने यह दावा किया है कि ये तस्वीर पश्चिम बंगाल में 11 अप्रैल को हुई पहले चरण की वोटिंग से पहले का है.
अधिकांश सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस तस्वीर को पीएम मोदी की कूच बिहार में हुई चुनावी रैली का बताया है.
'नरेंद्र मोदी 2019'नाम के पब्लिक ग्रुप में एक यूज़र ने लिखा है, “ये पश्चिम बंगाल में भाजपा की रैली का नज़ारा है. कूच बिहार की रैली. आज तो ममता बनर्जी की नींद गायब हो गयी होगी.”
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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल बीजेपी को राज्य की 42 में से कम से कम 23 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व अबकी बार पश्चिम बंगाल पर ख़ास ध्यान दे रहा है.
लेकिन वायरल फ़ोटो में भगवा रंग के कपड़े पहने लोगों को देखकर जो लोग इसे पीएम मोदी की रैली का बता रहे हैं, उनका दावा ग़लत है.
इस तस्वीर का भारतीय जनता पार्टी के किसी कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है.
इमेज कॉपीरइटSM Viral PostsImage caption सैकड़ों लोग सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को मोदी की रैली का बताते हुए शेयर कर चुके हैं तस्वीर की हक़ीक़त
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अप्रैल 2019 को चुनावी जनसभा की थी.
लेकिन रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है कि जिस वायरल तस्वीर को मोदी की रैली का बताया जा रहा है, वो साल 2015 में पहली बार इंटरनेट पर अपलोड की गई थी.
अपनी पड़ताल में हमने पाया कि ये तस्वीर भारत की नहीं, बल्कि थाईलैंड के मध्य में स्थित समुत साखोन प्रांत की है.
इस तस्वीर को बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाली वेबसाइट 'डीएमसी डॉट टीवी' ने 26 अक्तूबर 2015 को पोस्ट किया था.
डीएमसी यानी 'धम्म मेडिटेशन बौद्धिज़्म' एक मीडिया नेटवर्क है. इस वेबसाइट के अनुसार वो बौद्ध धर्म से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों को कवर करते हैं.
इमेज कॉपीरइटwww.dmc.tvImage caption इस आयोजन की असली फ़ोटो के ऊपर, बायीं ओर डीएमसी डॉट टीवी का लोगो भी देखा जा सकता है. ये लोगो वायरल फ़ोटो पर भी दिखाई देता है क़रीब 20 लाख बौद्धों का समारोह
डीएमसी के अनुसार थाईलैंड में बौद्ध धर्म को मानने वाले 'भिक्षा-अर्पण करने की एक बड़ी रस्म' का आयोजन करते हैं.
साल 2015 में हुआ ये इसी तरह का एक आयोजन था जिसमें क़रीब दस हज़ार बौद्ध भिक्षु शामिल हुए थे.
इस कार्यक्रम में शामिल होने वालों की संख्या क़रीब 20 लाख बताई गई थी.
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वेबसाइट के मुताबिक़ थाईलैंड के 9 से अधिक प्रांतों के बौद्ध भिक्षु, सरकारी कर्मचारी और सैनिक इस कार्यक्रम में पहुँचे थे.
26 अक्तूबर 2015 को डीएमसी डॉट टीवी ने इस विशाल आयोजन की क़रीब 70 अन्य तस्वीरें भी पोस्ट की थीं.
वेबसाइट के अनुसार इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन समुत साखोन सेंट्रल स्टेडियम के सामने एकाचाई रोड पर हुआ था.
'गूगल अर्थ' वेबसाइट की मदद से हमने 'डीएमसी डॉट टीवी' वेबसाइट के इस समारोह की लोकेशन से जुड़े दावे की पुष्टि की.
हमने स्ट्रीट व्यू के ज़रिए उस बिल्डिंग को सर्च किया जो वायरल तस्वीर में दिखाई देती है.
इमेज कॉपीरइटGoogle EarthImage caption गूगल स्ट्रीट व्यू में हमें वही पीली बिल्डिंग और उससे सटा हुआ भूरे रंग का मकान दिखाई दिया जो वायरल तस्वीर में दिखाई देते हैं पहले भी किए गए ग़लत दावे
ये पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को ग़लत संदर्भ के साथ शेयर किया गया है.
साल 2018 में भी इस तस्वीर को 'भारतीय हिंदुओं की तस्वीर' बताकर शेयर किया गया था.
लेकिन थाईलैंड की इस फ़ोटो के साथ किए गए ये सभी दावे फ़र्ज़ी हैं.
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