एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesरूस ने 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में डोनल्ड ट्रंप की टीम के साथ सांठ-गांठ क
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रूस ने 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में डोनल्ड ट्रंप की टीम के साथ सांठ-गांठ की थी कि नहीं, इस मामले में जाँच रिपोर्ट गुरुवार को जारी की गई.
रिपोर्ट से पता चला है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने उनके रूस के साथ सांठ-गांठ के आरोपों की जाँच करने वाले विशेष वकील रॉबर्ट मुलर को हटाने की कोशिश की थी.
448 पन्नों की इस रिपोर्ट में ट्रंप की टीम को रूस के साथ सांठ-गांठ के आरोप पर क्लीन चिट दी गई है. हालांकि जांच में रोड़े अटकाने के आरोपों पर इसमें कोई ठोस निष्कर्ष नहीं दिया गया है.
गुरुवार को व्हाइट हाउस ने 448 पन्नों की इस रिपोर्ट के प्रमुख हिस्सों को जारी किया. ट्रंप की क़ानूनी टीम ने इस रिपोर्ट को अपनी जीत बताया है.
विशेष वकील रॉबर्ट मुलर ने करीब दो साल की जांच के बाद ये रिपोर्ट तैयार की है.
रिपोर्ट जारी करते हुए अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने कहा कि इसमें न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के आरोपों के बारे में, ट्रंप से जुड़े 10 मामलों की जांच की गई थी.
डेमोक्रेट सदस्यों ने पूरी रिपोर्ट को जारी करने के साथ मुलर को कांग्रेस के सामने पेश होने की मांग की है.
राष्ट्रपति ट्रंप की टीम ने 'रूस से नहीं की साठ-गांठ'
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption अटार्नी जनरल विलियम बार. 'अंतिम जीत'
रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि जांच में रूसी सरकार और ट्रंप के प्रचार अभियान से जुड़े व्यक्तियों के बीच के कई संबंधों को चिह्नित किया, लेकिन आपराधिक किस्म के आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले.”
ट्रंप की क़ानूनी टीम ने बयान में कहा है कि जांच के नतीजे राष्ट्रपति के लिए अंतिम जीत है. रिपोर्ट में वही आया है जो हम शुरुआत से कह रहे थे.
बयान में कहा गया है कि 17 महीनों की जांच, 500 गवाहों के बयान, 500 तलाशी वारंट, 14 लाख पन्नों की जांच और राष्ट्रपति की तरफ़ से अभूतपूर्व सहयोग के बाद ये साफ़ हो गया है कि इसमें कोई भी आपराधिक ग़लती नहीं हुई है.
और क्या कहती है रिपोर्ट
हालांकि रिपोर्ट में लिखा है कि डोनल्ड ट्रंप ने मुलर को पद से हटाने के लिए जून 2017 में व्हाइट हाउस के पूर्व वकील डॉन मैकगान से संपर्क किया था.
इस पर मैकगान ने स्पेशल काउंसल को बताया कि उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया क्योंकि वो फंसा हुआ महसूस कर रहे थे. उनके मुताबिक, 'वो राष्ट्रपति के निर्देशों का पालन नहीं करना चाहते थे और उन्हें ये भी समझ नहीं आ रहा था कि दोबारा ट्रंप का फोन आने पर वे उन्हें क्या कहेंगे.'