एब्स्ट्रैक्ट:एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि '2023 में वैश्विक स्थिति चुनौतीपूर्ण रहने वाली है परंतु भारतीय अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ बने रहने की उम्मीद है'। इसका कारण उन्होंने बताते हुए कहा कि लोगों की यात्रा, होटल और परिवहन के क्षेत्र में बढ़ती दिलचस्पी भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी'
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि '2023 में वैश्विक स्थिति चुनौतीपूर्ण रहने वाली है परंतु भारतीय अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ बने रहने की उम्मीद है'। इसका कारण उन्होंने बताते हुए कहा कि लोगों की यात्रा, होटल और परिवहन के क्षेत्र में बढ़ती दिलचस्पी भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी'। आपको बता दें एसोचैम, ( Associated Chambers of Commerce and Industry of India) भारत के शीर्ष व्यापार संगठनों में से एक है। इस संगठन का उद्देश्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना है। इसकी स्थापना सन 1920 में की गई थी। पूरे भारत में इसके लगभग 200 से अधिक चैंबर्स व व्यापार संगठन हैं। एसोचैम के देश भर में 4,50,000 से अधिक सदस्य हैं।
आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में केवल 2.7 प्रतिशत की वृद्धि होगी। आईएमएफ दुनिया को पहले ही चेतावनी दे चुका है कि 2023, 2022 की तुलना में मुश्किल रहने वाला है। आईएमएफ ने कहा कि इस साल चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ में शामिल देशों को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा। उनकी अर्थव्यवस्था में गिरावट होगी। आंकड़ों के मुताबिक 2023 में होने वाली वैश्विक दर 2001 से दर्ज की गयी वैश्विक दरों की तुलना में सबसे कम होगी। हालाँकि महासचिव सूद ने कहा कि 'भारत को वैश्विक स्तर पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रा के उतार-चढ़ाव को लेकर सचेत रहने की आवश्यकता होगी' आने वाले महीनों में भारत के निर्यात पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विश्व में बढ़ती महंगाई, रूस-यूक्रेन युद्ध का विपरीत प्रभाव, वृद्धि दर में गिरावट और कोरोना की वापसी। ऐसे कारक हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की गिरावट में सहायक हैं। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया के अनुसार 'यदि आगामी बजट में कुछ ऐसा नहीं होता जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तो 2023 में वृद्धि दर 7% कायम रहनी चाहिए'।
आपको बता दें 2023-2024 का बजट 1 फरवरी, 2023 को संसद में पेश होगा। बजट को लेकर कई अटकले लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है आगामी बजट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने अभी कई चुनौतियां जैसे- आसमान छूती महंगाई,तेल के बढ़ते दाम, रुपए में आई गिरावट, कोरोनावायरस, वैश्विक आर्थिक मंदी। जिनसे भारत को निपटना होगा।
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