एब्स्ट्रैक्ट:भारत में निजीकरण का दौर चल रहा है। इस बात से हम सब भली भांति परिचित हैं। कई बैंक, क्षेत्र सार्वजनिक से निजीकरण के घेरे में आ गए हैं। अब इसी चर्चा का विषय बन गए हैं बड़े नामी बैंक। जिनकी सूची सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ फॉरवर्ड की जा रही हैं।
भारत में निजीकरण का दौर चल रहा है। इस बात से हम सब भली भांति परिचित हैं। कई बैंक, क्षेत्र सार्वजनिक से निजीकरण के घेरे में आ गए हैं। अब इसी चर्चा का विषय बन गए हैं बड़े नामी बैंक। जिनकी सूची सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ फॉरवर्ड की जा रही हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इन बैंकों को सरकार प्राइवेटाइज कर सकती है।अगले महीने यानी फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2023-2024 का बजट संसद में पेश करेंगी।
मीडिया के मुताबिक़ माना जा रहा है कि 2023-2024 बजट में उन बैंकों की घोषणा की जाएगी। जिनका सरकार निजीकरण करना चाहती है। नीति आयोग की ओर से इस पर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। हालाँकि सरकार ने उन सभी बैंकों का खाका बनाना शुरू कर दिया है, जिनका निजीकरण किया जाना है। मीडिया के मुताबिक सरकार पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ,इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े नामों का निजीकरण करने पर विचार कर रही है। आपको बता दें इससे पहले भी कई बैंकों का विलय किया जा चुका है। सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय किया गया। यूनियन बैंक को आंध्रा बैंक के साथ जोड़ा गया। कॉरपोरेशन बैंक में इंडियन बैंक तथा इलाहाबाद बैंक का विलय किया गया। अब वास्तविकता में सरकार किन बैंकों का निजीकरण करती है। इसकी घोषणा बजट के दौरान ही होगी।
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