एब्स्ट्रैक्ट:दासरा ऐंड बेन ऐंड कंपनी की इंडिया फिलैंथ्रॉपी रिपोर्ट 2023 में यह खुलासा भी हुआ कि भारतीय अमीर अन्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के अमीरों की तुलना में कम दान करते हैं।
दासरा ऐंड बेन ऐंड कंपनी की इंडिया फिलैंथ्रॉपी रिपोर्ट 2023 के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष मार्च 2022 (Financial Year) में भारत के सबसे अमीर लोगों की नेटवर्थ में 9 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई। परन्तु इसी रिपोर्ट में यह खुलासा भी हुआ कि भारतीय अमीर अन्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के अमीरों की तुलना में कम दान करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय उद्योगपति अजीम प्रेमजी के अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का व्यक्तिगत दान 9,000 करोड़ रुपये कम हो गया है। क्षेत्रीय आंकड़ों के अनुसार, उद्योगपति अजीम प्रेमजी ने वित्त वर्ष 2020 से 2021 में शिक्षा के लिए लगभग 16,000 करोड़ रुपये दिए हैं। फिलैंथ्रॉपी रिपोर्ट के अनुसार सभी भारतीय रईसों का योगदान वित्त वर्ष 2022 में घटकर 3,843 करोड़ रुपये रह गया है , जो 2021 की तुलना में बेहद कम है। भारत में अधिक धनाढ्य वर्ग का सामान्य योगदान केवल 0.06 प्रतिशत था ,जबकि वित्त वर्ष 2022 में अमेरिका में यह आंकड़ा 1.37 फीसदी , ब्रिटेन में 0.33 फीसदी और चीन में 0.38 फीसदी था।
इस रिपोर्ट में ये बताया गया कि पिछले वर्ष यानी 2022 में , शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में योगदान कुल दान का 58% था। जबकि कला, संस्कृति और विरासत, ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में इन अमीरों का योगदान गिरा है। इससे ज्ञात होता है कि भारत के अति धनाढ्य लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक दिलचस्पी है। भारत के अत्याधिक अमीर ,अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (UHNI), जिनके पास 1,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की नेटवर्थ है। उन्होंने वित्त वर्ष 2021 में 11,811 करोड़ रुपये से 2022 में 4,230 करोड़ रुपये की अपनी परोपकारी आय को कम कर दिया है।
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