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इमेज कॉपीरइटTWITTER@CITIZNMUKHERJEEImage caption भारत सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का एलान किया है.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत सरकार ने भारत रत्न देने का एलान किया है.
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के अलावा समाजसेवी नानाजी देशमुख और मशहूर संगीतकार और गायक भूपेन हज़ारिका को भी मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाएगा.
प्रणब मुखर्जी जुलाई 2012 से जुलाई 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे. इसके पहले उन्होंने वित्त, रक्षा और विदेश जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली थी. साल 2004 से 2012 तक केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में उन्हें प्रमुख 'संकटमोचक' माना जाता था.
कांग्रेस नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने के फ़ैसले का स्वागत किया है और अपने बधाई संदेश में कहा है कि उन्होंने हमेशा 'देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए काम किया.'
कांग्रेस नेताओं ने ये भी कहा है कि ये ऐसे शख्स की सेवाओं का सम्मान है "जो महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल की विचारधारा को मानते हैं और उसका पालन करते हैं."
प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस के सबसे मेधावी और योग्य नेताओं में गिना जाता है. बीते साल वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में जाने की वजह से चर्चा में रहे थे. तब उनकी बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत कई नेताओं ने उन्हें इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी थी.
प्रणब मुखर्जी के जीवन में दो मौक़े आए जब वे पीएम बन सकते थे, लेकिन दोनों बार बाज़ी उनके हाथ से निकल गई थी.
इमेज कॉपीरइटTWITTER@CITIZNMUKHERJEEImage caption पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ प्रणब मुखर्जी पहला मौक़ा कैसे फिसला?
प्रणब मुखर्जी इंदिरा गांधी की कैबिनेट में वित्त मंत्री थे, 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो मुखर्जी को प्रधानमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था, वे पीएम बनने की इच्छा भी रखते थे, लेकिन कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें किनारे करके युवा महासचिव राजीव गांधी को पीएम बनवा दिया.
जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो राजीव गांधी और प्रणब मुखर्जी बंगाल के दौरे पर थे, वे एक ही साथ विमान से आनन-फानन दिल्ली लौटे. राजीव गांधी को इंदिरा गांधी की हत्या का समाचार बीबीसी रेडियो से मिला था.
कांग्रेस के इतिहास पर किताब लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई बताते हैं, "प्रणव मुखर्जी का ख़याल था कि वे कैबिनेट के सबसे सीनियर सदस्य हैं इसलिए उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया जाएगा, उनके दिमाग़ में गुलजारीलाल नंदा थे जो शास्त्री के निधन के बाद कार्यवाहक पीएम बनाए गए थे."
प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न
इमेज कॉपीरइटTWITTER@CITIZNMUKHERJEEअपनी अलग पार्टी बनाई
लेकिन राजीव गांधी के रिश्ते के भाई अरुण नेहरू और तत्कालीन राष्ट्रपति जैल सिंह ने ऐसा नहीं होने दिया, संजय गांधी की अचानक मौत के बाद अनमने ढंग से राजनीति में आए राजीव पार्टी के युवा और अनुभवहीन महासचिव थे, उन्हें सरकार में काम करने का कोई अनुभव नहीं था.
राजीव गांधी ने जब अपनी कैबिनेट बनाई तो उसमें जगदीश टाइटलर, अंबिका सोनी, अरुण नेहरू और अरूण सिंह जैसे युवा चेहरे थे लेकिन इंदिरा गांधी की कैबिनेट में नंबर-2 रहे प्रणब मुखर्जी को मंत्री नहीं बनाया गया.
इससे दुखी होकर प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और अपनी अलग पार्टी बनाई. राशिद किदवई कहते हैं कि काफ़ी समय तक प्रणब हाशिए पर ही रहे, उनकी पार्टी कुछ नहीं कर पाई.
किदवई बताते हैं, "कांग्रेस में लौट आने के बाद जब उनसे उनकी पार्टी के बारे में पूछा जाता था तो वे हँसकर कहते थे कि मुझे अब उसका नाम भी याद नहीं है."
इमेज कॉपीरइटPRAKASH SINGH/AFP/GETTY IMAGESरेस में आगे निकले मनमोहन
जब तक राजीव गांधी सत्ता में रहे प्रणब मुखर्जी राजनीतिक वनवास में ही रहे. राजीव गांधी की हत्या के बाद पीवी नरसिंह राव को प्रधानमंत्री बनाया गया, राव प्रणब मुखर्जी से सलाह-मशविरा तो करते रहे, लेकिन किदवई बताते हैं कि उन्हें फिर भी कैबिनेट में जगह नहीं दी गई.
राव के ज़माने में प्रणब मुखर्जी ने धीरे-धीरे कांग्रेस में वापसी शुरू की, नरसिंह राव ने उन्हें 1990 के दशक के शुरू में योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया और वे पाँच साल तक इस पद पर रहे.
जब पीएम नरसिंह राव के सामने अर्जुन सिंह राजनीतिक चुनौती और मुसीबत के तौर पर उभरने लगे तो राव ने उनकी काट करने के लिए उन्हें 1995 में विदेश मंत्री बनाया.
इसके बाद कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो 2004 में उसकी वापसी हो पाई, 2004 में सोनिया गांधी ने विदेशी मूल का व्यक्ति होने की चर्चाओं के बीच घोषणा कर दी कि वे प्रधानमंत्री नहीं बनेंगी.
इसके बाद उन्होंने मनमोहन सिंह को पीएम पद के लिए चुना, प्रणब मुखर्जी के हाथ से मौक़ा एक बार फिर निकल गया.
हालांकि, इसके बाद साल 2012 में कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया और वो देश के राष्ट्रपति चुने गए.
इमेज कॉपीरइटTWITTER@CITIZNMUKHERJEEराहुल गांधी ने दी बधाई
भारत रत्न सम्मान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को ट्विटर पर बधाई दी है.
राहुल गांधी ने लिखा है, "प्रणब दा को भारत रत्न सम्मान के लिए बधाई!
कांग्रेस पार्टी को गर्व है कि हमारे एक अपने के जन सेवा और राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय योगदान को पहचान और सम्मान मिला है. "
बेटी बोलीं खुशी का पल
प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने भी ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी है. वो कांग्रेस की नेता भी हैं.
शर्मिष्ठा ने लिखा है, " परिवार के लिए गर्व और खुशी का पल. "
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @Sharmistha_GK
A moment of pride & bliss for the family? https://t.co/UyjNkQpW28
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) 25 जनवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @Sharmistha_GK
प्रणब मुखर्जी बीते साल आरएसएस के कार्यक्रम में शरीक हुए थे तब शर्मिष्ठा ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी.
उन्होंने कहा था कि उन्हें इस कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए क्योंकि उनका 'भाषण भुला दिया जाएगा और तस्वीरें रह जाएँगी.'
बधाइयों का तांता
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुखर्जी को बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा है, "ये जानकार खुशी हुई है कि श्री प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान दिया गया है. एक स्टेट्समैन के तौर पर उनके योगदान अतुलनीय हैं."
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने भी प्रणब मुखर्जी को बधाई दी है.
गहलौत ने ट्विटर पर लिखा है, " पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान के लिए हार्दिक बधाई. कई दशक लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने कई भूमिकाओं में देश की सेवा की है. वो एक सच्चे स्टेट्समैन हैं. उन्होंने हमेशा देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए काम किया है."
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Heartiest congratulations to former President Shri #PranabMukherjee on being awarded the #BharatRatna. In his long public life spread over decades, he has served nation in several capacities. A true statesman, he has always worked to strengthen democratic institutions of country.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) 25 जनवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @ashokgehlot51
कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी प्रणब मुखर्जी को बधाई दी है.
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Congratulations Pranab da!
Its a moment of great honour for all congress workers that the services of someone who believes and practices the ideologies of Mahatma Gandhi, Pt Nehru and Sardar Patel has been recognised.#PranabMukherjee pic.twitter.com/QKjyjSfZ7m
— Ajay Maken (@ajaymaken) 25 जनवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @ajaymaken
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, " बधाई प्रणब दा! हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए ये पल सम्मान का है. एक ऐसा शख्स जो महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल की विचारधारा को मानता है और उसका पालन करता है, उनकी सेवाओं को पहचाना गया है."
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @CitiznMukherjee
It is with a deep sense of humility and gratitude to the people of India that I accept this great honour #BharatRatna bestowed upon me. I have always said and I repeat, that I have got more from the people of our great country than I have given to them.#CitizenMukherjee
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) 25 जनवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @CitiznMukherjee
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत रत्न सम्मान के लिए देश के लोगों के प्रति आभार जताया है.
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने ट्विटर पर लिखा है, "भारत के लोगों के प्रति विनम्रता और आभार के साथ मैं ये महान सम्मान भारत रत्न स्वीकार करता हूं. मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहरा रहा हूं कि मैंने अपने महान देश के लोगों को जितना दिया है, उससे ज़्यादा मुझे उनसे मिला है. "
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