एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटAFPImage caption टीम न्यज़ीलैंड न्यूज़ीलैंड ने बीते रविवार को हैमिल्टन में खेले गए तीसरे
इमेज कॉपीरइटAFPImage caption टीम न्यज़ीलैंड
न्यूज़ीलैंड ने बीते रविवार को हैमिल्टन में खेले गए तीसरे और आखिरी टी-20 मुक़ाबले में भारत को चार रन से हरा दिया. इसके साथ ही भारत का ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड का विदेशी दौरा भी समाप्त हो गया.
अपने इन विदेशी दौरों में भारतीय टीम ने नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टी-20 सिरीज़ खेली थी. उसके बाद टेस्ट और एकदिवसीय सिरीज़ भी खेली.
वहीं न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भारत ने एकदिवसीय और टी-20 सिरीज़ खेली.
इस दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया से टी-20 सिरीज़ 1-1 से बराबरी पर समाप्त की. उसके बाद विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी की ज़मीन पर चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ में 2-1 से हराया.
भारत ने ऑस्ट्रेलिया से तीन एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की सिरीज़ भी 2-1 से जीती.
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ भी भारत ने पांच एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की सिरीज़ दमदार अंदाज़ में 4-1 से अपने नाम की. लेकिन टी-20 सिरीज़ में उसे 2-1 से हार झेलनी पड़ी.
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption रोहित शर्मा इन दौरों का हासिल
सवाल उठता है कि आखिरकार ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड दौरे से भारत को क्या हासिल हुआ?
इस सवाल के जवाब में क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन कहते हैं कि अगर न्यूज़ीलैंड का दौरा टी-20 सिरीज़ में भी जीत के साथ समाप्त होता तो उसकी बात ही कुछ और होती.
इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट और एकदिवसीय सिरीज़ जीतना शानदार ही कहा जाएगा.
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ आखिरी टी-20 मुक़ाबले में तो भारत की फिल्डिंग बेहद खराब रही. ना सिर्फ खिलाड़ियो ने कैच छोड़े बल्की मैदानी फील्डिंग का स्तर भी बहुत गिरा हुआ रहा.
इसके अलावा गेंदबाज़ी में भी कई सवाल खड़े हो गए. भारत का युवा पेस अटैक न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों के सामने बेदम नज़र आया.
इमेज कॉपीरइटAFPImage caption कुलदीप यादव
अयाज़ मेमन कहते हैं कि कुलदीप यादव के साथ युज़्वेन्द्र चहल को टी-20 और एकदिवसीय टीम में एकसाथ खिलाना चाहिए, क्योंकि इनकी जगह किसी को टीम में शामिल किया जाता है तो वह गेंदबाज़ नहीं आलराउंडर होता है. इनमें हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या शामिल है.
इसके साथ ही अयाज़ कहते हैं, ''जब भारत ने एकदिवसीय सिरीज़ जीत ही ली थी तो टी-20 में एक बल्लेबाज़ को कम कर सकते थे. टी-20 में टीम की रणनीति सही नहीं थी. उदाहरण के लिए विजय शंकर ऑलराउंडर की हैसियत से आए लेकिन उन्होंने तीनों मैचों में एक भी ओवर की गेंदबाज़ी नहीं की.''
अयाज़ मेमन मानते हैं कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से बहुत कुछ पाया. वे कहते हैं, ''मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह शानदार गेंदबाज़ बनकर उभरे. जसप्रीत बुमराह ने तो टेस्ट सिरीज़ में रिकॉर्ड विकेट भी हासिल किए.
''वहीं चेतेश्वर पुजारा ने ढ़ेरों रन बनाए. रही टी-20 की बात तो वह एक तरह की लाटरी जैसा है, कुल मिलाकर ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड दौरा बेहद कामयाब रहा, ख़ासकर यह देखते हुए कि विश्व कप अब नज़दीक है.''
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इमेज कॉपीरइटTwitter/yuzvendra chahalकैसे बदली भारतीय टीम
विदेशी ज़मीन पर भारतीय टीम का ऐसा शानदार प्रदर्शन पहले शायद ही कभी रहा हो. आखिरकार भारतीय टीम में यह परिवर्तन कैसे आया.
इसके जवाब में अयाज़ मेमन कहते हैं कि भारत इंग्लैंड में टेस्ट और एकदिवसिय सिरीज़ हारा. उससे भारत ने कई सबक़ सीखे. इंग्लैंड में किस तरह के गेंदबाज़ चाहिए यह कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली को पता चला.
भारत अपने मज़बूत गेंदबाज़ो के साथ इंग्लैंड जाना चाहेगा. हालांकि एक सवाल यह भी है कि विश्वकप की टीम में रविंद्र जडेजा का जगह बनती है या नही?
ऐसे में अयाज़ मानते हैं, ''अगर कुलदीप यादव और युज़्वेन्द्र चहल विश्व कप का हर मैच खेले तो भी एक बैकअप स्पिनर के तौर पर रविंद्र जडेजा की जगह बनती है.''
केदार जाधव भी पार्ट टाइम स्पिनर है. ऐसे में 11-12 खिलाड़ियों के नाम तो आसानी से गिने जा सकते हैं.
ऐसे में कुछ और नाम भी उभरकर सामने आए है. अयाज़ मेमन मानते है कि अजिंक्य रहाणे का नाम भी उभर रहा है, लेकिन अगर चयनकर्ता उन्हें ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ होने वाली एकदिवसीय सिरीज़ में नहीं खिलाते तो फिर यह तय है कि वह विश्व कप नहीं खेलेंगे.
अयाज़ आगे कहते हैं कि मध्यमक्रम में अंबाती रायडू ने एक-दो मैच में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन कुछ मैचों में लगा कि यह फॉर्म में नहीं है. केदार जाधव ने भी कुछ छोटी पारियां खेली हैं लेकिन अगर बड़े स्कोर वाला मैच हो तो क्या वह जिता सकते है.
सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन को भी एकदिवसीय मैचों में अच्छी शुरुआत मिली लेकिन वह बड़ा स्कोर नहीं बना सके. सभी जानते हैं कि वह बड़ी पारी खेल सकते हैं.
अगर वह रोहित शर्मा के साथ चल पड़ते है तो भारत की काफी समस्याए सुलझ जाती हैं और मध्यम क्रम पर भी फिर दबाव नहीं आता. अगर यह जोड़ी जल्दी टूट जाए तो मध्यम क्रम लड़खड़ा जाता है ख़ासकर अगर टीम में विराट कोहली ना हो तो.
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption धोनी, धवन,रोहित विश्वकप से पहले ऑस्ट्रेलिया सिरीज़
विश्वकप खेलने से पहले भारत के पास अंतिम अपनी एकदिवसीय टीम को परखने और उसे अंतिम स्वरूप देने का का मौक़ा रहेगा, जब भारत ऑस्ट्रेलिया की मेज़बानी करेगा. आखिर इस सिरीज़ में किसे खिलाया जाए.
इसे लेकर अयाज़ मेमन मानते हैं कि जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी को टीम में वापस लाना चाहिए, हांलाकि हो सकता है कि शमी पांचो मैच ना खेले, क्योंकि उनके लिए विदेशी दौरा लंबा रहा है. उन्होंने तो एक तरह से अपनी जगह पक्की कर ली है.
शमी के बारे में अयाज़ कहते हैं कि विश्व कप में उनके जैसे गेंदबाज़ ही काम आएंगे. अगर उन्हें कुछ हो गया तो फिर लेने के देने पड़ सकते हैं, ऐसे में शार्दुल ठाकुर या उमेश यादव को मौक़ा मिल सकता है.
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इसके अलावा अभी भी दिनेश कार्तिक, खलील अहमद, हार्दिक पांड्या और मोहम्मद सिराज़ की जगह भी विश्व कप में पक्की नहीं है. ऐसे में इन सभी के पास मौक़ा है कि ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शानदार प्रदर्शन करें.
इसके अलावा यह देखना भी दिलचस्प रहेगा कि क्या विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सभी पांच मैच खेलेंगे या नहीं. इसके जवाब में अयाज़ मेमन कहते हैं कि उन्हें दो-तीन मैच तो खेलने ही चाहिए क्योंकि लय में रहना भी बहुत ज़रूरी है.
मैच फिटनेस के मायने यह भी हैं कि खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर ना हो क्योंकि इससे जंग भी लग सकता है. विराट ऐसा हरगिज़ नहीं चाहेंगे.