एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesरफ़ाल सौदे पर राज्य सभा में बुधवार को सीएजी की रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट के
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रफ़ाल सौदे पर राज्य सभा में बुधवार को सीएजी की रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछली सरकार के मुक़ाबले 2.86 प्रतिशत सस्ता सौदा किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि इससे पहले मोदी सरकार ने 9 प्रतिशत सस्ता सौदा करने का दावा किया था, जिसे रिपोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.
सीएजी में रफ़ाल विमान की कीमत नहीं बताई गई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछली डील के मुक़ाबले इस डील में 36 विमानों की ख़रीद से 17.08 प्रतिशत पैसा बचा है.
राज्यसभा में सीएजी की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद भाजपा नेता अरुण जेटली ने इसे 'सत्य की जीत' बताई है.
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उन्होंने ट्वीट किया है, सत्यमेव जयते... 2007 के मुकाबले 2016 में सस्ती कीमत पर विमान खरीदे गए हैं. इसे जल्द डिलीवर किया जाएगा, बेहतर मेनटेनेंस भी होगा."
सीएजी की रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रदर्शन किया और सरकार से रफ़ाल में हुई गड़बड़ियों पर जवाब मांगा.
अरुण जेटली ने ट्वीट किया है कि ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट ग़लत है, कैग ग़लत है और केवल वंशवाद सही है."
सीएजी की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि वर्तमान सरकार का सौदा सस्ता है, लेकिन इसमें एक विमान की कीमत क्या है, इसका जिक्र नहीं किया गया है.
विपक्ष सरकार से कीमत बताने की मांग करता रहा है, लेकिन गोपनीयता का हवाला देते हुए सरकार इसे बताने से इंकार करती रही है.
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कैग की रिपोर्ट के मुताबिक रफ़ाल विमान की डिलीवरी भी पिछली डील से पहले होने की बात कही गई है. पहले डिलीवरी 72 महीनों में होनी थी, लेकिन इस डील में यह 71 महीने में होगी.
बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को संसद परिसर में विपक्षी दलों ने रफ़ाल पर सरकार को घेरा.
विपक्षी दल रफ़ाल पर जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं.
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी. 16वीं लोकसभा का ये अंतिम सत्र है, इसके बाद देश में आम चुनाव होंगे.
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