एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption पुलवामा हमले के ख़िलाफ़ गुस्सा ज़ाहिर करते अखिल भारतीय विद्यार
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption पुलवामा हमले के ख़िलाफ़ गुस्सा ज़ाहिर करते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र
पुलवामा हमले के बाद से देशभर में शोक की लहर दौड़ रही है. देश के अलग-अलग हिस्सों से इस हमले का जवाब दिए जाने की बातें सामने निकल कर आ रही हैं.
कई जगहों से हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दिए जाने की तस्वीरें देखने को मिल रही हैं तो इस बीच कुछ तस्वीरें और वीडियो ऐसे भी हैं जिनमें लोग इस हमले के प्रति अपना प्रतिशोध जता रहे हैं.
यह गुस्सा इस हमले की ज़िम्मेदारी लेने वाले चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके पनाहगाह देश पाकिस्तान के ख़िलाफ़ तो है ही, साथ ही इस गुस्से की आग में देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले कश्मीरी छात्र भी झुलस रहे हैं.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कश्मीरी छात्रों पर हमले की ताज़ा घटनाएं सामने आई हैं. वहां पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्र बीते चार दिनों से डर के साए जी रहे हैं.
देहरादून के एक निजी कॉलेज से भौतिक विज्ञान में एमएससी कर रहे एक कश्मीरी छात्र ने अपना नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि वे और उनके कुछ साथी पुलवामा हमले के बाद से ही अपने हॉस्टल के कमरे से बाहर नहीं निकले हैं.
उन्होने बताया,'' दो दिन पहले हमारे कमरे के बाहर बड़ी संख्या में कुछ लोगों ने जुलूस निकाला और उन्होंने कश्मीरियों को वापस भेजने के नारे लगाए. वे सभी काफी गुस्से में लग रहे थे. उनके हाथों में लाठियां थीं. वे कश्मीरियों को देश का दुश्मन और गद्दार जैसी बातें बोल रहे थे.''
इस छात्र से जब पूछा गया कि क्या नारे लगाने वाले लोग किसी खास संगठन से थे. तो छात्र ने इसकी जानकारी न होने की बात कही. हालांकि उसने इतना ज़रूर बताया,''मुझे नहीं मालूम कि वो किस पार्टी या ग्रुप के लोग थे, उन्होंने हाथों में तिरंगा पकड़ा हुआ था इसके अलावा कुछ और झंडे भी पकड़े हुए थे. वे भारत माता की जय के नारे भी लगा रहे थे.''
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption पुलवामा हमले के बाद आक्रोश जताते लोग कश्मीरी छात्रों को निशाना क्यों?
पुलवामा में 14 फ़रवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ़ के कम से कम 40 जवान मारे गए थे. इस हमले की ज़िम्मेदारी चरमपंथी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली.
बताया गया कि इस आत्मघाती हमले को 21 साल के कश्मीरी युवक आदिल अहमद ने अंजाम दिया था.
पुलवामा के पास ही गंडीबाग के रहने वाले आदिल एक साल पहले ही जैश ए मोहम्मद में शामिल हुए थे.
यही वजह है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीरी छात्रों पर लोगों का गुस्सा निकलने की ख़बरें सुनने को मिल रही हैं.
देहरादून के अलावा चंडीगढ़ से भी ऐसी खबरें मिली हैं जहां कश्मीरी छात्रों को धमकाने की ख़बरें सामने आई हैं.
साथ ही बिहार की राजधानी पटना में कश्मीरी व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ की घटना भी देखी गई है.
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इमेज कॉपीरइटvideo grabImage caption आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद का घर पुलवामा ही था
वापस घर लौट रहे छात्र
पुलवामा हमले के बाद से बदले हालात के चलते कश्मीरी छात्र डर के साए में हैं. वे अपने घरों की ओर जाने की तैयारी कर रहे हैं.
देहरादून में पढ़ाई कर रहे कुपवाड़ा निवासी एक कश्मीरी छात्र इस समय जम्मू पहुंच चुके हैं. उन्होंने बताया कि वे रविवार सुबह ही फ्लाइट लेकर अपने घर की ओर रवाना हुए.
उन्होंने कहा, ''मैंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट से आज सुबह की फ्लाइट पकड़ी और जम्मू पहुंच गया. यहां कर्फ्यू लगा है इसलिए आगे नहीं जा सकता. देहरादून में हमारे हॉस्टल के बाहर लोग नारेबाज़ी कर रहे थे, जिस वजह से हम बहुत ज़्यादा डर गए.''
इस छात्र ने बताया कि उनके कॉलेज में करीब 300 कश्मीरी छात्र पढ़ते हैं. उनके साथ उनके दो साथी और घर वापस लौट आए हैं.
हालांकि इन छात्रों ने पुलिस के सहयोग की बात स्वीकार की है और यह भी कहा है कि खुद डीजीपी उनसे मिले और पूरी सुरक्षा देने का वायदा किया.
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पुलिस-प्रशासन का रुख
देहरादून के सुद्दुवाला इलाके में कश्मीरी लड़कियों को क़ैद करने की ख़बर भई चल रही थी. बताया जा रहा था कि एक हॉस्टल में करीब 75 कश्मीरी छात्राओं को क़ैद कर लिया गया है.
इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस ने बयान जारी कर बताया है कि यह महज़ अफवाह थी और सभी छात्राओं ने खुद इसका खंडन किया है.
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सुद्धोवाला, Dehradun में स्थित Nest Hostel के संबंध में सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही थी कि हॉस्टल में छात्राओं को बंद किया गया है, जो पूर्णत: तथ्यहीन एवं भ्रामक है। वर्तमान में हॉस्टल में 75 छात्राएं रह रही हैं। छात्राओं द्वारा भी ऐसी अफवाहों का खंडन किया गया है। pic.twitter.com/lpTWFpjjAV
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) 17 फ़रवरी 2019
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इसके अलावा देहरादून से एक कश्मीरी छात्र को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के चलते गिरफ़्तार करने की ख़बर भी स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही थी.
इसके बारे में देहरादून स्थित साइबर सेल के प्रमुख भारत सिंह ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई गिरफ़्तारी नहीं की गई. हालांकि भारत सिंह ने माना है कि कुछ इलाकों में कश्मीरी छात्रों को डराने जैसी घटनाएं सुनने को मिली हैं.
उन्होंने कहा, ''इस समय देश में जैसा माहौल है उसमें कई लोगों की भावनाएं उद्वेलित हो जाती हैं, कुछ जगहों से जुलूस आदि निकालने की घटनाएं सुनने को ज़रूर मिली लेकिन अभी तक कोई भी शिकायत दर्ज करने नहीं आया, अगर कोई शिकायत दर्ज करवाएगा तो ज़रूर कार्रवाई की जाएगी.''
इमेज कॉपीरइटuttrakhand police/ facebookImage caption कश्मीरी छात्राओं से मुलाक़ात करती उत्तराखंड पुलिस की अफ़सर
इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस के डीजी अशोक कुमार ने भी लोगों से क़ानून अपने हाथों में ना लेने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि लोग अफवाहें न फैलाएं.
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Don't Believe In Rumours pic.twitter.com/4WpoSCq1zz
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) 16 फ़रवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त 2 @uttarakhandco
इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी इन ख़बरों को गंभीरता से लेते हुए हेल्पलाइन तैयार कर दी है. कश्मीर ज़ोन पुलिस नामक ट्विटर हैंडल से इस हेल्पलाइन की सूचना दी गई है और बताया गया है कश्मीर का कोई छात्र या आम व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहा हो वह इस हेल्पलाइन के ज़रिए मदद ले सकता है.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @KashmirPolice
J&K #Police has established a #helpline for the #assistance of #Students/#generalpublic who are presently staying outside J&K in case they find any difficulty. You can call us for any kind of assistance on 0194-2451515. @JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) 16 फ़रवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @KashmirPolice
सीआरपीएफ़ ने भी इससे जुड़ा एक नंबर कश्मीरी छात्रों की मदद के लिए जारी किया है. सीआरपीएफ़ मददगार नामक ट्विटर हैंडल के ज़रिए कश्मीर के लोगों को आश्वस्त किया गया है कि वे किसी भी तरह की परेशानी के लिए इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @CRPFmadadgaar
#Kashmiri students and general public, presently out of #kashmir can contact @CRPFmadadgaar on 24x7 toll free number 14411 or SMS us at 7082814411 for speedy assistance in case they face any difficulties/harrasment. @crpfindia @HMOIndia @JKZONECRPF @jammusector @crpf_srinagar pic.twitter.com/L2Snvk6uC4
— CRPF Madadgaar (@CRPFmadadgaar) 16 फ़रवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @CRPFmadadgaar
सीआरपीएफ़ के ट्विटर हैंडल से भी देहरादून में कश्मीरी छात्राओं को परेशान करने की घटना का खंडन किया गया है और लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहें ना फैलाएं.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @crpfindia
ADVISORY: Fake news about harassment of students from #Kashmir is being propagated by various miscreants on social media.
CRPF helpline has enquired about complaints about harassment and found them incorrect.These are attempts to invoke hatred
Please DO NOT circulate such post
— ?CRPF? (@crpfindia) 17 फ़रवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @crpfindia
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