एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटReutersजैसे-जैसे चुनाव की तारीख़ें क़रीब आ रही हैं बीजेपी अपने गठबंधन को मुकम्मल करती दि
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जैसे-जैसे चुनाव की तारीख़ें क़रीब आ रही हैं बीजेपी अपने गठबंधन को मुकम्मल करती दिख रही है. दूसरी तरफ़ कांग्रेस इस मामले में पूरी तरह से पिछड़ती दिख रही है.
बिहार में अब तक महागठबंधन में सीटों के बँटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस पर नाराज़गी जताई है.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है, ''अगर अबकी बार विपक्ष से कोई रणनीतिक चूक हुई तो फिर देश में आम चुनाव होंगे या नहीं, कोई नहीं जानता. अगर अपनी चंद सीटें बढ़ाने और सहयोगियों की घटाने के लिए अहंकार नहीं छोड़ा तो संविधान में आस्था रखने वाले न्यायप्रिय देशवासी माफ़ नहीं करेंगे.''
ज़ाहिर है तेजस्वी का निशाना कांग्रेस पर है. उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस ने घोषणा की है कि वो सात सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी लेकिन बाक़ी की पूरी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. कांग्रेस का कहना है कि उसने ये सात सीटें बीएसपी, एसपी और लोकदल के लिए छोड़ी है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अब कांग्रेस पर तीखा निशाना साधा है. मायावती ने कांग्रेस पर हमला करते हुए ट्वीट किया है, ''कांग्रेस यूपी में भी पूरी तरह से स्वतंत्र है कि वह यहाँ की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके अकेले चुनाव लड़े. हमारा यहाँ बना गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है. कांग्रेस जबर्दस्ती यूपी में गठबंधन के लिए सात सीटें छोड़ने की भ्रान्ति ना फैलाये.''
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अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा है, ''बीएसपी एक बार फिर साफ़ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल और गठबंधन बिल्कुल भी नहीं है. हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आए दिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में क़तई ना आएं.''
बीएसपी और एसपी गठबंधन ने कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी पर उम्मीदवार नहीं उतारने का फ़ैसला किया है. इस बार उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस के नेतृत्व में तमाम विपक्षी पार्टियों का गठबंधन तैयार होगा लेकिन कांग्रेस ऐसा करने में नाकाम रही.
दूसरी तरफ़ बीजेपी ने बिहार में अपनी जीती सीटें जेडीयू को देकर गठबंधन किया है.
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