एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Images2014 में सत्ता में आने के बाद से ही मौजूदा सरकार वादा करती रही है कि वह हर भ
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2014 में सत्ता में आने के बाद से ही मौजूदा सरकार वादा करती रही है कि वह हर भारतीय के लिए हवाई यात्रा के रास्ते खोल देगी.
सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना में क्षेत्रीय स्तर पर हवाई नेटवर्क बढ़ाने पर जोर दिया है और देश के दूरदराज के हिस्सों को हवाई मार्ग के जरिए बड़े शहरों से जोड़ दिया है.
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ये भी कहती है कि उसकी कोशिशों के चलते देश में एयरपोर्ट की संख्या काफ़ी बढ़ गई है.
भारत में 11 अप्रैल से चुनाव शुरू हो रहे हैं ऐसे में बीबीसी रियलिटी चेक टीम विभिन्न राजनीतिक दलों के दावे और वादों की पड़ताल कर रही है.
दावा: भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि उसके शासनकाल में ऑपरेशनल एयरपोर्ट की संख्या 2014 के 65 के मुकाबले इस साल 102 हो चुकी है.
सरकार का ये भी दावा है कि 2017 में 10 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों ने घरेलू उड़ानों में सफ़र किया और पहली बार ट्रेन के एयरकंडीशनर कंपार्टमेंट की तुलना में ज़्यादा लोगों ने हवाई उड़ानों में सफर किया.
फ़ैसला: सरकार और नागरिक उड्डयन से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक देश में 2014 की तुलना में ज़्यादा एयरपोर्ट हैं, लेकिन इसकी वास्तविक संख्या क्या है, इसको लेकर एक राय नहीं है.
वहीं, हवाई यात्रा करने वाले लोगों से संबंधित दोनों दावे सच हैं.
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कितने एयरपोर्ट हैं?
पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि मौजूदा समय में 102 एयरपोर्ट ऑपरेशनल हैं, ये संख्या 2014 के 65 से बढ़कर यहां तक पहुंचे हैं.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट @BJP4India
UDAN - ‘Ude Desh ka Aam Naagarik’
• 102 operational airports in last 4.5 years from 65 in 2014.• Number of domestic air passengers crossed 100 million in 2017.
• For the first time, more people travelled in airplanes than in AC trains in 2017.#MiddleClassWithModi pic.twitter.com/gxYnJjyaTP
— BJP (@BJP4India) 5 फ़रवरी 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त @BJP4India
इसमें यह भी बताया गया कि रेल की तुलना में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ रही है.
उसी महीने के एक दूसरे ट्वीट में बताया गया कि ज़्यादा एयरपोर्ट तो हैं लेकिन इस बार आंकड़े अलग थे. इस आंकड़े में बताया गया कि मौजूदा समय में 100 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं जबकि 2014 में 75 एयरपोर्ट ऑपरेशनल थे.
छोड़िए ट्विटर पोस्ट 2 @BJP4India
With UDAN, air travel has become affordable for the common Indian.
Namumkin Ab Mumkin Hai! pic.twitter.com/GFmc5ELIyo
— BJP (@BJP4India) 1 मार्च 2019
पोस्ट ट्विटर समाप्त 2 @BJP4India
ऐसे में 2014 के बाद एयरपोर्ट की संख्या को लेकर आधिकारिक आंकड़े क्या कहते हैं?
इसकी पड़ताल दो स्रोतों से हो सकती है, लेकिन यहां पर 2014 की जगह 2015 से आंकड़े उपलब्ध हैं.
भारत में नागरिक उड्डयन की नियामक संस्था नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक-
मार्च, 2015 में भारत में कुल 97 ऑपरेशनल एयरपोर्ट थे. इनमें 65 घरेलू, 24 अंतरराष्ट्रीय और आठ कस्टम एयरपोर्ट शामिल थे.
मार्च, 2018 में ऑपरेशनल एयरपोर्ट की संख्या बढ़कर 109 हो गई. इनमें 74 घरेलू एयरपोर्ट, 26 अंतरराष्ट्रीय और नौ कस्टम एयरपोर्ट शामिल थे.
लेकिन, नागरिक उड्डयन से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख करने वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के आकंड़े अलग हैं.
2013-14 की एएआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में 68 ऑपरेशनल एयरपोर्ट थे.
इसके एक साल बाद एएआई के मुताबिक उसके स्वामित्व और देखरेख में 125 एयरपोर्ट थे जिसमें से केवल 69 ही ऑपरेशनल थे.
मार्च, 2018 में एएआई के मुताबिक उसके स्वामित्व और देखरेख में 129 एयरपोर्ट हैं लेकिन इसमें कितने ऑपरेशनल हैं, इस पर कुछ नहीं बताया गया है.
हालांकि जुलाई, 2018 को संसद में सरकार ने बताया है कि 101 एयरपोर्ट ऑपरेशनल हैं.
ऐसे में यह संभव है कि बीजेपी उस संख्या का ही हवाला दे रही हो जितनी एएआई ने ऑपरेशनल एयरपोर्ट में सूचीबद्ध कर रखा हो.
पिछली सरकार का क्या कहना है?
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में थी तब उसने 2014 में कहीं ज़्यादा एयरपोर्ट को ऑपरेशनल बताया था.
फरवरी, 2014 में संसद के अंदर तत्कालीन मंत्री ने बताया था कि 90 एयरपोर्ट ऑपरेशनल हैं.
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इमेज कॉपीरइटRajiv SrivastavaImage caption भारत के सिक्किम में नया एयरपोर्ट
इतना ही नहीं, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक उस साल 94 एयरपोर्ट ऑपरेशनल थे.
बीजेपी सरकार ने हवाई उड़ान को प्रोत्साहित करने की स्कीम 2016 में शुरू की है.
पार्टी के मुताबिक फरवरी, 2019 तक इस स्कीम के तहत 38 एयरपोर्ट को ऑपरेशनल बनाया गया है.
इस आंकड़े पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि रिकॉर्ड्स के मुताबिक इनमें से कुछ एयरपोर्ट पहले से ही ऑपरेशनल थे जो सैन्य हवाई अड्डों के अंदर चल रहे थे.
इसके अतिरिक्त, पिछले साल दिसंबर में संसद में नागरिक उड्डयन मंत्री के एक बयान में यह बात सामने आई थी कि पिछले पांच सालों में महज चार नए एयरपोर्ट ऑपरेशनल हुए हैं.
कितने लोग हवाई यात्रा कर रहे हैं?
पिछले कुछ सालों में हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ी है और इस वजह से एयरलाइंस कंपनियों में काफ़ी प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिल रही है.
बीजेपी के दावे के मुताबिक यह सच है कि घरेलू हवाई उड़ानों में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है.
यात्रियों की बढ़ती संख्या
घरेलू उड़ानों में
स्रोतः नागरिक उड्डयन महानिदेशालय
बीते साल फरवरी में संसद के अंदर दिए गए बयान के मुताबिक 2016-17 के वित्तीय साल में घरेलू उड़ानों में यात्रियों की कुल संख्या 10.37 करोड़ थी.
वहीं, डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में करीब 10 करोड़ लोगों ने घरेलू उड़ानों में सफ़र किया और उसके अगले साल यह संख्या बढ़कर 11.78 करोड़ हो गई थी.
रेल पिछड़ रही है
अभी भी अधिकांश भारतीय लंबी दूरी की यात्रा के लिए रेलवे को पसंद करते हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह इसका सस्ता होना है. हालांकि रेल यात्रा में काफ़ी वक्त लगता है और यह उतनी आरामदेय भी नहीं है.
ऐसे में सवाल यही है कि क्या 2017 में रेल के एयरकंडीशनर कंपार्टमेंट (यह रेल की सबसे महंगी टिकट वाली क्लास है) के मुकाबले लोगों ने हवाई यात्राएं ज़्यादा की थीं?
यह सही लगता है.
भारतीय रेलवे की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 2016-17 में, उस साल रेलवे के एयरकंडीशनर कोचों में 14.55 करोड़ लोगों ने यात्राएं की थीं.
वहीं, डीजीसीए के मुताबिक उस साल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मिलाकर रिकॉर्ड 15.84 करोड़ लोगों ने हवाई उड़ानों में यात्राएं कीं.
इमेज कॉपीरइटGetty ImagesImage caption बढ़ती मांग को देखते हुए भारत को और एयरपोर्ट बनाने की जरूरत है.
यही वजह है कि अब ज़्यादा एयरपोर्ट की मांग बढ़ रही है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) का अनुमान है कि 2037 तक 52 करोड़ लोग हवाई उड़ानों में यात्राएं करने लगेंगे.
उधर बीजेपी नागरिक उड्डयन क्षेत्र में विजन 2040 पेश कर चुकी है, जिसमें 2040 तक एक अरब यात्रियों के लिए पर्याप्त एयरपोर्ट बना लेने की उम्मीद जताई गई है.
लेकिन इस बुनियादी ढांचे के लिए कितनी लागत लगेगी, इसको लेकर सवाल हैं. सवाल यह भी है कि जिस दर से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है,उस दर से बुनियादी ढांचे को तैयार करना मुमकिन होगा?