एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से जुड़ा एक भ्रामक
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से जुड़ा एक भ्रामक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है जिसमें दिखता है कि 'विकीपीडिया के अनुसार शरद पवार देश के सबसे भ्रष्ट नेता हैं'.
दक्षिणपंथी रुझान वाले फ़ेसबुक ग्रुप्स में और शेयर चैट पर इस स्क्रीनशॉट को सैकड़ों बार शेयर किया गया है.
इस वायरल स्क्रीनशॉट में एनसीपी नेता शरद पवार के विकीपीडिया पेज का ब्यौरा दिखाई देता है.
इसमें लिखा है, “शरद गोविंदराव पवार भारतीय राजनीति में सबसे भ्रष्ट नेता हैं. उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद साल 1999 में एनसीपी का गठन किया था.”
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विकीपीडिया एक ऐसा इंटरनेट प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ चर्चित चेहरों, प्रसिद्ध जगहों, देशों और बड़े मुद्दों से जुड़े ब्लॉग उपलब्ध हैं.
लेकिन विकीपीडिया पर फ़ेसबुक और ट्विटर की तरह अकाउंट बनाया जा सकता है और जिन लोगों का अकाउंट विकीपीडिया पर है वो इस प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद जानकारी को एडिट कर सकते हैं.
इंटरनेट आर्काइव देखकर हमने पता लगाया कि 26 मार्च को शरद पवार के विकीपीडिया पेज पर यह बात लिखी हुई दिख रही थी कि वो 'सबसे भ्रष्ट' नेता हैं. हालांकि उनके पेज को अब दुरुस्त कर दिया गया है.
लेकिन ये कब हुआ और शरद पवार के विकीपीडिया पेज में कितने बदलाव किये गए? इसकी भी हमने पड़ताल की.
इमेज कॉपीरइटGetty Imagesकब-क्या हुआ?
26 मार्च को तड़के 'OSZP'नाम के किसी विकीपीडिया यूज़र ने शरद पवार के इंट्रो में जोड़ा कि वो सबसे लोकप्रिय नेता हैं.
लेकिन 'Larry Hocket'नाम के किसी अन्य यूज़र ने कुछ ही घंटों में इसे शरद पवार के विकीपीडिया पेज से हटा दिया.
फिर क़रीब साढ़े 8 बजे 'Vivek140798'नाम के एक यूज़र ने लिखा कि शरद पवार 'सबसे हुनरमंद' नेताओं में से एक हैं, जिसे कुछ ही देर बाद हटा लिया गया.
लेकिन कुछ ही देर बाद इसी यूज़र ने शरद पवार के पेज पर उनसे जुड़े रहे विवादों के कई संदर्भ साफ कर दिए. फ़िलहाल इन्हें शरद पवार के पेज पर जैसे ये थे, वैसे ही देखा जा सकता है.
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विकीपीडिया के एडिट आर्काइव से पता चलता है कि 26 मार्च को ये दो प्रयास किये गए थे और विकीपीडिया पर एनसीपी नेता की बेहतर इमेज बनाने की एक कोशिश की गई थी.
लेकिन 10 बजे के क़रीब उनकी पार्टी का नाम किसी यूज़र ने 'नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी' से बदलकर 'नेशनलिस्ट करप्ट पार्टी' कर दिया.
इसके एक घंटे बाद उनके ब्यौरे में 'सबसे भ्रष्ट नेता' जोड़ दिया गया. ये ठीक उसी जगह जोड़ा गया जहाँ पहले 'OSZP' नाम के यूज़र ने शरद पवार के लिए सबसे लोकप्रिय लिखा था.
इमेज कॉपीरइटWikipediaये हुआ कैसे?
इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के लिए विकीपीडिया को सूचना प्राप्त करने का सबसे आसान ज़रिया माना जाता है.
गूगल पर लोगों या जगहों के बारे में सर्च करने पर अधिकांश परिणाम विकीपीडिया के पन्नों से होते हैं.
लेकिन विकीपीडिया में आम यूज़र्स द्वारा की जाने वाली एडिटिंग से ग़लत सूचनाओं के फ़ैलने का ख़तरा भी काफ़ी बढ़ जाता है.
बहरहाल, शरद पवार के पेज पर फ़िलहाल विकीपीडिया ने कुछ वक़्त के लिए एडिटिंग ब्लॉक कर दी है और इसमें अब सिर्फ़ विकीपीडिया के ज़िम्मेदार यूज़र ही बदलाव कर सकेंगे.
इस बारे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने बीबीसी से बात की.
उन्होंने कहा, “हमने पुलिस से इसकी शिकायत की है. हम चाहते हैं कि पुलिस इसकी पड़ताल करे कि किन लोगों ने शरद पवार को बदनाम करने की कोशिश की.”
एनसीपी प्रमुख शरद पवार हाल ही में 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने का एलान करने की वजह से सुर्खियों में आये थे.
इमेज कॉपीरइटSM Viral Postपहला मामला नहीं
बीबीसी ने कुछ वक़्त पहले 'इंदिरा गांधी के हिंदू नरसंहार 1966 का सच' नाम से एक रिपोर्ट की थी.
इस रिपोर्ट को करते समय भी हमने पाया था कि कुछ लोगों ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार करने के लिए विकीपीडिया पेज से छेड़छाड़ की थी.
'1966 का गो-हत्या विरोधी आंदोलन' नाम के विकीपीडिया पेज पर लिख दिया गया था कि “गो-हत्या विरोधी आंदोलन में तीन से सात लाख लोगों ने हिस्सा लिया था. जब इन लोगों ने संसद का घेराव किया तो पुलिस ने उनपर फ़ायरिंग कर दी और 375-5,000 लोग मारे गए, वहीं क़रीब दस हज़ार लोग घायल हुए.”
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जबकि इस पेज पर छेड़छाड़ से पहले लिखा हुआ था कि “1966 की घटना में मारे जाने वालों की आधिकारिक संख्या 7 थी.”
बीबीसी की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकारों और इतिहासकारों ने इस घटना में दस के कम लोगों के मारे जाने की पुष्टि की थी.
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