एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटAFP/Getty Imagesआइसलैंड की बजट विमानन कंपनी वाओ एयर ने अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं जिस वजह
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आइसलैंड की बजट विमानन कंपनी वाओ एयर ने अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं जिस वजह से यूरोप और उत्तरी अमरीका जाने वाले हज़ारों यात्री हवाईअड्डों में फंस गए हैं.
यह विमानन कंपनी ट्रांस-अटलांटिक यानी अटलांटिक के पार वाली जगहों को जोड़ने वाली उड़ानों के लिए जानी जाती थी. घाटे में चल रही इस कंपनी को बीते कुछ महीनों से बचाने की कोशिशें भी हो रही थी.
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है, “वाओ एयर ने अपने सभी काम बंद कर दिए हैं. वाओ एयर की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.”
कंपनी ने यात्रियों से कहा है कि वो दूसरी कंपनियों के विमानों में टिकट ले सकते हैं. कंपनी ने कहा है, “क्रेडिट कार्ड से पैसा दे चुके यात्री क्रेडिट कार्ड कंपनी से संपर्क कर पता करें. जिन्होंने यूरोपीय एजेंटों से टिकटें ली थीं उनके लिए उनके एजेंट दूसरी उड़ानों की व्यवस्था कर सकते हैं.”
साथ ही कंपनी ने कहा है कि यात्रियों को वाओ एयर से मुआवज़ा भी मिल सकता है लेकिन ये यूरोपीय नियमों के तहत ही होगा.
कंपनी के संस्थापक और मालिक स्कूली मोगेन्सन ने कंपनी के एक हज़ार कर्मचारियों से माफ़ी मांगी है और कहा है कि वे शुरुआत में कोई कदम ना उठा पाने के लिए खुद को कभी माफ़ नहीं कर पाएंगे.
आइसलैंड आने वाले लगभग एक तिहाई लोग वाओ एयर की उड़ानों का इस्तेमाल करते थे और अब जानकारों को चिंता है कि कंपनी के बंद होने का असर देश के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ सकता है.
बंद क्यों हुई वाओ एयरलाइन?
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साल 2011 में कंपनी की स्थापना इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कूली मोगेन्सन ने की थी. साल 2012 में कंपनी ने उड़ानें शुरू की और धीरे-धीरे अपने पैर फैलाए.
बीते साल तक कंपनी में एक हज़ार कर्मचारी काम कर रहे थे और 35 लाख यात्रियों ने कंपनी के 11 हवाईजहाज़ों में यात्रा की थी.
कंपनी छोटी दूरी की जगहों के अलावा लंबी दूरी की जगहों में भी उड़ान सेवाएं देती थी जैसे अमरीका के बॉस्टन और वॉशिंगटन से ले कर कोपनहेगन और यूरोप के एलिकांते शहर में भी कंपनी की उड़ानें पहुंचती थीं.
ब्रिटेन की वेबसाइट Which? के ट्रैवल संपादक रोरी बोलैन्ड कहते हैं कि जिस दिन कंपनी ने बंद होने की घोषणा की उस दिन सवेरे तक यानी गुरुवार सवेरे 7.00 बजे तक वो टिकटें बेच रही थी, इसलिए घोषणा सुन कर यात्री सकते में आ गए.
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हाल के वक़्त में यूरोप में कई विमानन कंपनियां कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण बंद हो चुकी हैं.
साल 2017 में मोनार्च और एयर बर्लिन बंद हुई, साल 2018 में अज़ूर एयर जर्मनी, कोबाल्ट एयर, प्रीमेरा एयर, स्मॉल प्लानेट एयरलाइन्स और स्काईवर्क बंद हुई. इस साल एयर इटली और मेरीडिना का विलय हुआ था.
साल 2019 में जर्मनिया, फ्लिम्बी और वाओ एयर को बाज़ार के गिरती-उठती कीमतों का खामियाज़ा भुगतना पड़ा. इस साल जानीमानी विमानन कंपनी रायन एयर ने भी अपनी पहली तिमाही में घाटा दिखाया है.