एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटSanjay Das-BBCImage caption बीजेपी युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा पश्चिम बंगाल की मु
इमेज कॉपीरइटSanjay Das-BBCImage caption बीजेपी युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी नेता प्रियंका शर्मा को ज़मानत दे दी.
सर्वोच्च अदालत ने प्रियंका शर्मा से माफ़ी मांगने का आदेश दिया. प्रियंका शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने ममता की तस्वीर में मेट गाला इवेंट की अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की तस्वीर का सिर जोड़ फ़ेसबुक पर शेयर किया था. प्रियंका शर्मा बीजेपी युवा मोर्चा की नेता हैं.
प्रियंका शर्मा ने अपनी गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाश पीठ मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई की.
प्रियंका शर्मा के वकील नीरज किशन कौल ने बीबीसी को बताया था, “राज्य में कामकाज पूरी तरह बंद होने की वजह से उनके मुवक्किल के सामने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाने के सिवा कोई विकल्प नहीं था.”
प्रियंका पर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की उस तस्वीर पर मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी का चेहरा चिपकाने और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का आरोप है जो न्यूयॉर्क के मेट गाला के दौरान खींची गई थी.
तृणमूल कांग्रेस नेता विभास हाजरा की शिकायत पर हावड़ा ज़िले की दासनगर पुलिस ने गिरफ़्तार शर्मा को गिरफ़्तार किया था. फिलहाल एक स्थानीय अदालत ने उनको 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
टीएमसी-बीजेपी में ठनी
राज्य में लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच हिंसा और टकराव की घटना के बीच अब बीजेपी युवा मोर्चा नेता प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी के मुद्दे पर इन दोनों दलों में ठन गई है. प्रियंका के घरवालों ने उनकी गिरफ़्तारी को एक राजनीतिक साजिश बताया है.
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प्रियंका शर्मा की मां कहती हैं, “बीजेपी के लिए काम करने की वजह से ही मेरी बेटी को गिरफ़्तार किया गया है. यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. अगर वह तृणणूल कांग्रेस के लिए काम करती तो ऐसा कुछ नहीं होता. इसके पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ है.”
प्रियंका हावड़ा जिले में बीजेपी की महिला मोर्चा की संयोजक भी हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया है.
बीजेपी का दावा है कि यह गिरफ़्तारी राजनीति से प्रेरित है. हावड़ा में बीजेपी युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष आनंद राय कहते हैं, “मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ में हम लोगों का कोई हाथ नहीं है. इसे महज़ सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था.”
क्या बंगाल में आपातकाल?
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व सरमा प्रियंका की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए कहते हैं, “बंगाल की मौजूदा परिस्थिति आपातकाल की याद दिलाती है.”
शर्मा ने यहां प्रियंका के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात भी की.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री के बारे में एक पोस्ट शेयर करने के आरोप में एक युवती को गिरफ़्तार कर लिया जाता है. क्या यह अपराध है? अगर ऐसी घटनाएं जारी रहीं तो लोग समझेंगे कि बंगाल में आपातकाल लागू है.”
इमेज कॉपीरइटSanjay Das-BBCImage caption प्रोफ़ेसर अंबिकेश महापात्रा (फ़ाइल फोटो)
हेमंत ने कहा कि उनकी राय में इंदिरा गांधी भी इस काम के लिए किसी को जेल में नहीं डालतीं. उनकी दलील है, “प्रियंका ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर किया था.”
लेकिन इस मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने वाले तृणमूल नेता विभास हाजरा कहते हैं, “मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ ऐसा घिनौना मज़ाक स्वीकार नहीं किया जा सकता.”
वैसे, बंगाल में यह अपनी किस्म का पहला मामला नहीं हैं.
साल 2012 में महानगर के जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा को भी ममता का एक कार्टून सोशल मीडिया पर फारवर्ड करने के आरोप में गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया गया था.
ममता ने उसी साल एक टीवी शो के दौरान सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वाले को माओवादी करार दिया था.
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