एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesसोशल मीडिया पर पुलिस और कुछ कृष्ण भक्तों के बीच लड़ाई का एक वीडियो बहुत शेयर
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सोशल मीडिया पर पुलिस और कुछ कृष्ण भक्तों के बीच लड़ाई का एक वीडियो बहुत शेयर किया जा रहा हैं.
वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा हैं कि ''बंगाल पुलिस ने इस्कॉन मंदिर के कृष्ण भक्तों की केवल इसलिए पिटाई की क्योंकि वो भजन कीर्तन करते हुए भगवद् गीता बेच रहे थे''
फेसबुक पर बहुत से लोगों ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि 'बंगाल पुलिस द्वारा इस्कॉन मंदिर के भक्तों पर हिंसक कार्यवाही', उनका जुर्म था कि वे भगवदगीता बेच रहे थे. हमें इस वीडियो को वायरल करना चाहिए ,ममता और TMC गुंडे हैं.'
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चौकीदार राजी सिंह नाम के एक ट्विटर यूजर ने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा हैं, ''ये घटना लगभग 5 महीने पहले बंगाल में हुई थी, हिन्दू और धार्मिक होने के नाते हमें बीजेपी की ज़रूरत हैं. इस्कॉन भक्तों पर बंगाल पुलिस ने की हिंसक कार्यवाही, उनका जुर्म यह था की वे कीर्तन करते हुए भगवद् गीता बाँट रहे थे''
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बीबीसी के पाठकों ने भी वीडियो की सत्यता जानने के लिया हमें यह वीडियो व्हाट्सऐप पर भेजा है.
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एक मिनट और 30 सेकेंड के इस वीडियो में पुलिस और भगवा कपड़े पहने कुछ लोगों के बीच झड़प होते दिखती है.
वीडियो में दिखाई देता हैं कि पुलिस इन लोगों को पकड़ कर गाड़ी में बैठाने की कोशिश करती हैं जिसके बाद दोनों के बीच झड़प और मारपीट शुरू हो जाती हैं.
छोड़िए फ़ेसबुक पोस्ट Sethuraman
Violent attack on ISKCON members by West Bengal Police. Their crime was they were selling Geeta.
WE SHOULD MAKE THIS VIDEO VIRAL. MAMATA AND TMC IS NOTHING BUT GUNDAS OF THE THIRD RATE. ?
Posted by Sethuraman Viswanathan on Friday, 10 May 2019
पोस्ट फ़ेसबुक समाप्त Sethuraman
बीबीसी ने अपनी पड़ताल में वीडियो को भ्रमित और दावों को झूठा पाया हैं.
जाने वीडियो की सच्चाई
गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें गोवा के एक डेली अख़बार हेराल्ड की एक रिपोर्ट मिलती हैं जो 26 नवंबर 2008 को प्रकाशित हुई थी.
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हालाँकि, रिपोर्ट के काफ़ी पुरानी हो जाने की वजह से गोवा हेराल्ड की वेबसाइट पर केवल रिपोर्ट की हेडलाइन और तारीख़ को ही पढ़ा जा सकता हैं.
हेडलाइन के तौर पर लिखा गया है कि ''हरे राम हरे कृष्ण संप्रदाय के रूसी सदस्य और एक पुलिस अधिकारी के बीच झड़प.''
किसी तकनीकी समस्या की वजह से वेबसाइट पर कुछ पुरानी रिपोर्ट को पूरा नहीं पढ़ा जा सकता है.
लेकिन रिपोर्ट के प्रकाशन की तारीख और हेडलाइन से इस बात की पुष्टि हो जाती है कि सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा वीडियो एक दशक पुराना है.
वीडियो बंगाल का नहीं बल्कि गोवा के मापुसा टैक्सी स्टैंड पर हुई एक घटना का है.
हेडलाइन के मुताबिक वीडियो में भगवा रंग के कपड़ो में दिख रहे लोग हरे राम हरे कृष्ण संप्रदाय के रूसी सदस्य हैं जिनका किसी बात को लेकर उस वक़्त पुलिस से विवाद हो गया था जिसके चलते दोनों पक्षों में हाथा-पाई की स्थिति बन गई थी.