एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटGetty Imagesसूरत के लिंबायत इलाक़े में एक मंदिर में रविवार को महात्मा गांधी के हत्यारे न
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सूरत के लिंबायत इलाक़े में एक मंदिर में रविवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथुराम गोडसे का जन्मदिन मनाने के आरोप में हिंदू महासभा के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया. ये ख़बर इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में है.
गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को पुणे ज़िले के बारामती में हुआ था जो उस समय बंबई प्रेसीडेंसी का हिस्सा था. गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी. बाद में गोडसे को फांसी दे दी गई थी.
सूरत पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने बताया कि हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने शहर के लिंबायत इलाक़े में सूर्यमुखी हनुमान मंदिर के परिसर में जश्न मनाया जिसके बाद उन्हें सोमवार को गिरफ़्तार कर लिया गया.
शर्मा ने कहा कि गोडसे के जन्मदिन के समारोह में इन हिंदू महासभा के सदस्यों ने मंदिर परिसर में गोडसे की तस्वीर के सामने दिए जलाए, मिठाइयां बांटी और भजन गाए.
इमेज कॉपीरइटANIमुझे किसी से शिकायत नहीं - अशोक लवासा
आचार संहिता के कथित उल्लंघन के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने के चुनाव आयोग के फ़ैसले पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में चुप्पी तोड़ी और कहा कि उन्हें किसी से शिकायत नहीं है.
उन्होंने कहा, “मुझे किसी से शिकायत नहीं है. मैं सिर्फ़ एक ऐसा सिस्टम चाहता हूं जिसमें आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामलों का वक़्त रहते, पारदर्शिता और बिना किसी भेदभाव के निपटारा हो.”
चुनाव आयोग की आज अहम बैठक होनी है.
तीन सदस्यीय कमिशन के बीच विवाद उस वक़्त खुलकर सामने आ गया था जब ख़बरें आई कि लवासा ने आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ी सभी बैठकों में जाने से इनकार कर दिया है.
चुनाव आयुक्त ने कहा था कि वो अब बैठकों में तभी जाएंगे, जब उनकी अल्पमत की राय को आयोग के आदेशों में शामिल किया जाएगा.
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'बहुमत साबित करे मध्य प्रदेश सरकार'
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कहा है कि ताज़ा हालात में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की प्रदेश सरकार को विधान सभा में अपना बहुमत साबित करना चाहिए.
जनसत्ता अख़बार के मुताबिक़ एग्ज़िट पोल में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बढ़त दिखाए जाने के बाद विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोमवार को कहा कि वह विधान सभा का विशेष सत्र जल्द बुलाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिख रहे हैं, ताकि अहम मुद्दों सहित नए संदर्भ में सरकार की ताक़त का परीक्षण जैसे मामलों को एजेंडे में लिया जा सकता है.
वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वो पिछले पांच महीनों में अपनी सरकार का बहुमत चार बार साबित कर चुके हैं और एक बार फिर इसे साबित करने के लिए तैयार हैं.
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'पहली सर्जिकल स्ट्राइक 2016 में हुई थी'
बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की राजनीतिक लड़ाई के बीच उत्तरी कमांड चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने सोमवार को कहा कि डायरेक्टर जनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशन्स ने हाल में एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि पहली सर्जिकल स्ट्राइक सितंबर 2016 में हुई थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक़ उन्होंने कहा, “राजनीतिक पार्टियां क्या कह रही हैं, मैं उसपर नहीं जाऊंगा. उन्हें सरकार जवाब देगी. जो मैंने आपको बताया वो तथ्य है.”
कांग्रेस ने हाल में दावा किया था कि यूपीए के कार्यकाल में छह सर्जिकल स्ट्राइक हुई थीं, वहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का कहना है कि उरी हमले के बाद ये पहली सर्जिकल स्ट्राइक थी जब सीमा के पार जाकर सैन्य कार्रवाई की गई.
उरी हमले में 19 जवान मारे गए थे.
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पंजाब के मंत्रियों ने सिद्धू के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की तल्ख़ी बढ़ने के बीच अन्य मंत्रियों ने भी सिद्धू के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.
मंत्री साधु सिंह धरमसोत ने कहा कि कैप्टन के साथ सिद्धू काम नहीं कर सकते, तो इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
उन्होंने कहा, “लगता है सिद्धू अतिमहत्वाकांक्षी हैं, इसलिए जहां भी जाते हैं असंतुष्ट रहते हैं. कांग्रेस ने सिद्धू को हैसियत से ज़्यादा दिया है.”
रविवार को ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि सिद्धू चुनाव से पहले कांग्रेस को नुक़सान पहुंचा रहे हैं और मुझे हटाकर ख़ुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.
ये ख़बर अमर उजाला अख़बार में है.