एब्स्ट्रैक्ट:इमेज कॉपीरइटAniमहाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे गुरुवार को कोहिनूर मिल मामले में
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे गुरुवार को कोहिनूर मिल मामले में मुंबई के प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कार्यालय पहुंचे.
सुबह क़रीब साढ़े 11 बजे राज ठाकरे के साथ उनकी पत्नी शर्मिला और बेटा अमित ईडी ऑफ़िस पहुंचे थे लेकिन केवल राज ठाकरे को अंदर जाने दिया गया.
इससे पहले एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने ठाणे में बंद का आह्वान किया था और एमएनएस के नेता संदीप देशपांडे ने मुंबईवासियों को चेतावनी दी थी कि गुरुवार को बहुत ज़रूरी हो तभी निकलें.
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राज ठाकरे ‘ईडी’च्या कार्यालयात कोणत्याही क्षणी पोहोचणार...
Posted by BBC News Marathi on Wednesday, 21 August 2019
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ईडी गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था आईएलएफ़सी की ओर से कोहिनूर सीटीएनएल को दिए गए कर्ज़ में अनियमितता की जांच कर रही है.
गुरुवार को ईडी दफ़्तर के आस पास पुलिस की कड़ी व्यवस्था के साथ पांच थाना क्षेत्रों में धारा 144 भी लागू कर दी गई है.
एमएनएस नेता संदीप देशपांडे को पुलिस ने गुरुवार को सुबह गिरफ़्तार कर लिया. राज ठाकरे ने ट्वीट कर अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
मंगलवार को एमएनएस के एक कार्यकर्ता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, हालांकि कोई सुसाइड नोट पुलिस को नहीं मिला है.
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स्थानीय एमएनएस समर्थकों का दावा है कि प्रवीण चौगुले, राज ठाकरे को ईडी का नोटिस भेजे जाने से आक्रोषित थे और कथित रूप से खुद पर केरोसिन उड़ेल कर आग लगा ली.
राज ठाकरे ने बयान जारी कर कहा है, “हमारे साथी प्रवीन चौगुले की मृत्यु की ख़बर से मैं आहत हुआ हूं. मुझे ईडी की ओर से भेजे गए नोटिस से परेशान होकर प्रवीण ने ऐसा कदम उठाया.”
एमएनएस प्रमुख का आरोप है कि सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है.
क्या है मामला
कोहिनूर सीटीएनएल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में आईएलएफ़एस ने 450 करोड़ रुपये का निवेश किया था. ये कंपनी मुंबई के दादर इलाक़े में कोहिनूर स्क्वायर टॉवर बना रही है.
इस संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिव सेना के नेता मनोहर जोशी के बेटे उमेश जोशी से भी इस मामले में ईडी ने पूछताछ की है.
साल 2005 में जोशी के बेटे और राज ठाकरे के मालिकाने वाले मातोश्री कंस्ट्रक्शन कंपनी ने संयुक्त रूप से एनटीसी के कोहिनूर मिल की बोली लगाई गई.
क़रीब 4.8 एकड़ ज़मीन को 421 करोड़ रुपये में ख़रीदा गया. राज ठाकरे ने इस संयुक्त उद्यम से 2008 में खुद को अलग कर लिया था.