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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि भारत आरएसस के नज़रिए की वजह से कश्मीर मामले पर बात करने से पीछे हट रहा है.
इमरान ख़ान कश्मीर मामले पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. उनके संबोधन की मुख्य बातें-:
भारत आरएसस के नज़रिए की वजह से कश्मीर मामले पर बात करने से पीछे हट रहा है जो भारत को हिंदुओं का देश बनाना चाहता है.
नरेंद्र मोदी की ग़लती की वजह से कश्मीर के लोगों को आज़ादी का एक बड़ा मौक़ा मिल गया है. भारत के इस क़दम की वजह से कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया.
सवा अरब मुसलमान संयुक्त राष्ट्र की ओर देख रहे हैं कि वो कश्मीर की मदद करते हैं कि नहीं.
अगर ये मसला जंग की ओर गया तो याद रखें कि दोनों मुल्क़ परमाणु शक्ति संपन्न मुल्क हैं. हम किसी भी हद तक जाएँगे.
इस जुमे को पूरे पाकिस्तान में हम 12 बजे से साढ़े 12 बजे तक आधे घंटे के लिए बाहर निकलकर कश्मीर के बारे में बताएँगे.
कश्मीरी लोग मुश्किल में हैं और हमें उनके साथ खड़ा रहना है. मैं ख़ुद कश्मीर का राजदूत बनकर सारी दुनिया के सामने उनकी बात उठाउँगा. 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में सारी दुनिया के सामने कश्मीर की स्थिति बताउँगा.
मुसलमान हुक़ूमतें मजबूरी या तिजारत की वजह से आज हमारे साथ नहीं हैं तो भी बाद में वो हमारे साथ आएँगे.
हिंदुस्तान से हमने आते ही बात की और कहा कि हम कश्मीर का मसला बातचीत से सुलझा लेंगे मगर वो कोई नई बात शुरु कर देते थे और पाकिस्तान पर कोई ना कोई इल्ज़ाम लगा देते थे. हमने समझा चुनाव आ रहा है और इसलिए हम पीछे हट गए, उसके बाद पुलवामा हो गया. उन्होंने इसके लिए सीधे हमपर उंगली उठाई.
हमने सोचा शायद चुनाव के बाद वो बातचीत के लिए मान जाएँगे. मगर हमने देखा कि चुनाव के बाद उन्होंने पूरी कोशिश की कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जाए.
हिंदुस्तान की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, अपने संविधान सबके ख़िलाफ़ गए, नेहरु ने जो वादे किए थे उसके भी ख़िलाफ़ गए, इन्होंने सेकुलरिज़्म को भी ख़त्म किया.