एब्स्ट्रैक्ट:BBC News, हिंदीसामग्री को स्किप करेंसेक्शनहोम पेजकोरोनावायरसभारतविदेशमनोरंजनखेलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीसोश
BBC News, हिंदीसामग्री को स्किप करेंसेक्शनहोम पेजकोरोनावायरसभारतविदेशमनोरंजनखेलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीसोशलवीडियोहोम पेजकोरोनावायरसभारतविदेशमनोरंजनखेलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीसोशलवीडियोराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसान संघ का एमएसपी को लेकर प्रदर्शनशुरैह नियाज़ीबीबीसी हिंदी के लिए 6 घंटे पहलेइमेज स्रोत, Shurah Niyaziबीते 20 दिनों से दिल्ली के सीमावर्ती इलाक़ों में किसान नए कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की माँग कर रहे हैं और सड़कों पर डटे हुए हैं. कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसान संघ भी नए क़ानूनों से ख़ुश नहीं हैं और वे इसमें संशोधन की बात कर रहे हैं.हालांकि ये लोग दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन करने वाले किसानों के साथ शामिल नहीं हैं. ऐसे में मंगलवार को मध्यप्रदेश के इंदौर- उज्जैन संभाग के किसान सड़क पर उतरे और कपास-मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) नहीं मिलने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने किया था. किसानों के मौजूदा प्रदर्शनों के बीच संघ से जुड़े किसानों ने पहली बार एमएसपी की माँग के साथ कोई सार्वजनिक प्रदर्शन किया है.इस प्रदर्शन के साथ ही प्रदेश में किसानों को लेकर राजनीति तेज़ हो गई है. जहां भोपाल में आयोजित किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए कृषि क़ानूनों को क्रांतिकारी बताया वहीं कांग्रेस ने घोषणा की है कि किसानों के समर्थन और नए कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ वो भी सड़कों पर उतरेगी. छोड़कर और ये भी पढ़ें आगे बढ़ेंऔर ये भी पढ़ेंकिसान आंदोलन: 'मन की बात' से मशहूर हुए महाराष्ट्र के किसान की प्रधानमंत्री मोदी ने सुनी 'अधूरी बात' किसानों के विरोध प्रदर्शन पर क्या कह रहे हैं देश के अन्य राज्यों के किसानकिसान आंदोलन: आरएसएस से जुड़े संगठनों को भी एमएसपी पर कोई बरगला रहा है?बिहार चुनाव: किसानों की नाराज़गी क्या एनडीए पर भारी पड़ेगी?समाप्तइंदौर- उज्जैन संभाग के किसानों के साथ मिलकर भारतीय किसान संघ के लोगों ने दो राजमार्गो में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया. इमेज स्रोत, Shurah Niyaziयह आयोजन धार ज़िले के खलघाट में राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा-मुंबई रोड और खंडवा ज़िले के छैगांवमाखन में इंदौर-इच्छापुर स्टेट हाईवे पर किया गया. बीकेएस के मालवा प्रांत (इंदौर-उज्जैन संभाग) के अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने बीबीसी को बताया, “यह इलाक़ा कपास के लिए जाना जाता है. लेकिन किसानों के लिये कुछ भी व्यवस्था नहीं की गई है जिसकी वजह से किसानों को मजबूर होकर अपनी फ़सल को एमएसपी से नीचे बेचना पड़ रहा है.”हाईवे पर किसानों ने कुछ घंटों तक सड़क पर आवाजाही को रोक दिया. किसानों की कुल 24 माँगें है इनमें प्रमुख माँग है कि कपास को एमएसपी दर पर लिया जाना चाहिए और किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया मिले.इमेज स्रोत, Shurah Niyaziक्या है किसानों की माँगभारतीय किसान संघ के उपाध्यक्ष दयाराम पाटीदार ने बीबीसी को बताया कि यह आंदोलन अभी ख़त्म नहीं किया गया है बल्कि स्थगित किया गया है. अगर माँग पूरी नहीं की जाती है तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जा सकता है. दयाराम पाटीदार ने माँग की कि सरकार मक्का की फ़सल भी एमएसपी पर ख़रीदे. अभी तक मक्का की फ़सल को एमएसपी पर ख़रीदा नहीं जा रहा है. यह प्रदर्शन ऐसे समय में आयोजित किया गया जब सरकार किसानों के लिए किसान सम्मेलन संभागीय मुख्यालयों में कर रही है ताकि किसानों को नए कृषि क़ानून के फ़ायदे बताए जा सकें. निमाड़ क्षेत्र के खरगोन, धार, बड़वानी, खंडवा और बुरहानपुर ज़िलों के किसानों ने इसमें भाग लिया. सरकार जहां नये कृषि क़ानून को किसानों के हित में बता रही है उस वजह से इस प्रदर्शन ने प्रशासन के लिये मुश्किल खड़ी कर दी. प्रदर्शन के बाद धार कलेक्टर को किसानों ने अपनी माँगों के समर्थन में एक ज्ञापन भी सौंपा. किसानों के आंदोलन को देखते हुए भारी सुरक्षा व्यवस्था क्षेत्र में की गई थी. वहीं प्रशासन ने फ़ैसला किया है कि किसानों के साथ बैठकर बातचीत की जाएगी ताकि उनकी जो भी समस्या है उसका हल निकाला जा सकें. भोपाल में राज्य सरकार ने कृषि बिल को लेकर एक किसान सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि इस नये क़ानून से किसानों की ज़िंदगी में भारी बदलाव आएगा. छह महीने में 47 मंडियां बंदकिसानों के बढ़ते दबाव की वजह से शिवराज सिंह चौहान ऐसे क़दम उठा रहे हैं जिससे किसानों की नाराज़गी को कम किया जा सके.शिवराज सिंह चौहान ने यह भी घोषणा की है कि 18 दिसंबर को किसानों के खाते में 1600 करोड़ रुपये डालेंगे जाएंगे. सरकार इसे फ़सलों के नुक़सान का मुआवज़ा बता रही है. यह पैसा दो क़िस्तों में किसानों के खाते में डाला जाएगा. मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को हिदायत दी है कि वो किसानों के बीच जाएं और चौपाल लगाएं ताकि किसानों को नये कृषि क़ानून के फ़ायदे पता चल सकें. वही कांग्रेस ने भी सरकार का विरोध करने का फ़ैसला कर लिया है. किसानों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी ने उपवास रखने का फ़ैसला कर लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ ही दूसरे कांग्रेस नेता इसमें शामिल होंगे. कांग्रेस पार्टी के नेता प्रदेश मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक किसानों के समर्थन में उपवास रखेंगे. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में पिछले छह माह में ही 47 मंडिया बंद हो चुकी हैं.पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि गेहूं की जो ख़रीदी की जा रही है वो समर्थन मूल्य पर नहीं हो रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के नेता लगातार किसानों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं, जो ग़लत है. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)संबंधित समाचारक्या भूख और कुपोषण भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता है15 दिसंबर 2020कृषि क़ानून: क्या हैं प्रावधान, क्यों हो रहा है विरोध8 दिसंबर 2020टॉप स्टोरीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसान संघ का एमएसपी को लेकर प्रदर्शन6 घंटे पहलेलाइव एम्स: नर्सिंग यूनियन ने हड़ताल वापस लीपिंकी की शादी, धर्म परिवर्तन, पति की गिरफ़्तारी और 'गर्भपात'8 घंटे पहलेज़रूर पढ़ेंआज का कार्टूनः ऐसी अफ़वाह कौन उड़ाता है?14 दिसंबर 2020किसान आंदोलन मोदी सरकार के लिए सख़्त संदेश- नज़रिया 13 दिसंबर 2020किसान ट्रैक्टर से गणतंत्र दिवस की परेड में पहुँच जाएंगे: टिकैत13 दिसंबर 2020किसान आंदोलन से जुड़े 3 सबसे अहम सवाल11 दिसंबर 2020जानिए, मोदी सरकार के कृषि क़ानून से किसे फ़ायदा, किसे नुक़सान9 दिसंबर 2020किसान आंदोलन से जुड़ी आठ बातें जिन्हें जानना ज़रूरी है13 दिसंबर 2020कोरोना वायरस: डर के साये में इलाज करने वाले डॉक्टर 13 दिसंबर 2020कोरोना वैक्सीन: चीन की कोरोनावैक कितनी सस्ती, कितनी कारगर11 दिसंबर 2020आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई के बाद ईरान का सुप्रीम लीडर कौन होगा?12 दिसंबर 2020सबसे अधिक पढ़ी गईं1टेस्ट क्रिकेट के सबसे सुस्त शतक की कहानी, ख़ुद बनाने वाले की ज़ुबानी2पिंकी की शादी, धर्म परिवर्तन, पति की गिरफ़्तारी और 'गर्भपात'3अमेरिका ने तुर्की पर लगाई पाबंदी, अर्दोआन हुकूमत ने कहा- बदला लेंगे4कोरोनाः ब्रिटेन में वायरस का नया रूप, लगा सख़्त लॉकडाउन5राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसान संघ का एमएसपी को लेकर प्रदर्शन6क्या चाबहार पोर्ट पर भारत फिर से फोकस बढ़ा रहा है?7पाकिस्तान का नया रेप क़ानून- बलात्कारियों के लिए कड़ी सज़ा, नपुंसक बनाने का प्रावधान8जापान के ‘ट्विटर किलर’ टाकाहिरो शिराइशी को मिली फांसी की सज़ा9कोरोना वैक्सीनः भारत में कैसे और कहाँ मिलेगी, सरकार ने बताया10यूपी: परिवार की मर्ज़ी के बग़ैर एक और लाश जलाने का आरोपBBC News, हिंदीआप बीबीसी पर क्यों भरोसा कर सकते हैंइस्तेमाल की शर्तेंबीबीसी के बारे मेंनिजता की नीतिकुकीज़बीबीसी से संपर्क करेंAdChoices / Do Not Sell My Info© 2020 BBC. बाहरी साइटों की सामग्री के लिए बीबीसी ज़िम्मेदार नहीं है. बाहरी साइटों का लिंक देने की हमारी नीति के बारे में पढ़ें.
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