एब्स्ट्रैक्ट:भारत के आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि"कोई भी देश क्रिप्टो करेंसी को अकेले नियंत्रित नहीं कर सकता। इस समय सभी देश इस असमंजस में हैं कि क्या उन्हें वर्चुअल करंसी को प्रचलित करना चाहिए या फिर अभी और ठहरना चाहिए।"
इस बार18 वें जी-20 की मेज़बानी भारत कर रहा है। जोकि वैश्विक प्राथमिकताओं पर सामान्य रास्ता इख्तियार करने पर आधारित है। इसकी पहली बैठक 13 से 15 नवंबर को बैंगलोर में हुई जिसमें भारत के आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि“कोई भी देश क्रिप्टो करेंसी को अकेले नियंत्रित नहीं कर सकता। इस समय सभी देश इस असमंजस में हैं कि क्या उन्हें वर्चुअल करंसी को प्रचलित करना चाहिए या फिर अभी और ठहरना चाहिए।” भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने नवंबर में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी के विनियमन के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इस पर विस्तृत रूप से जी-20 की बैठक में चर्चा होनी चाहिए।
आपको बता दें भारत में डिजिटल करेंसी का आगमन नवंबर में हो चुका है और भारत अपनी ब्लॉक चेंज करेंसी लांच करने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है। 2022 से 2030 के बजट में भारत की वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आरबीआई इस साल डिजिटल करेंसी लागू करेगा। जो आरबीआई की अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होगी। माना जा रहा है कि डिजिटल के रुपया इंडिया की डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्तीय व्यवस्था को बढ़ावा देगा। यह प्रचलित मुद्रा के अन्य विकल्प के तौर पर मौजूद है।
आरबीआई ने डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है। भारत में डिजिटल करेंसी की शुरुआत नवंबर के महीने में ही हो गई थी और अब इस करेंसी को भारत में लागू हुए पूरा एक डेढ़ महीना हो चुका है। भारतीय बैंकर्स ने इस पर कहा कि उपभोगताओं पर डिजिटल करेंसी का जादू नहीं चल रहा है। यह बिल्कुल इंटरनेट बैंकिंग की तरह है और यूजर इस तरह की सुविधा से पहले ही संतुष्ट हैं।
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