एब्स्ट्रैक्ट:डिजिटल करेंसी की शुरुआत भारत में नवंबर में हो गयी है। आरबीआई डिजिटल करेंसी की शुरुआत सीबीडीसी के रूप में कर चुका है। माना जा रहा है कि डिजिटल करेंसी के द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
डिजिटल करेंसी की शुरुआत भारत में नवंबर में हो गयी है। आरबीआई डिजिटल करेंसी की शुरुआत सीबीडीसी के रूप में कर चुका है। माना जा रहा है कि डिजिटल करेंसी के द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। बीते बुधवार मुंबई में हुए एक सम्मेलन में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत की डिजिटल करेंसी को क्रिप्टोकरंसी से भिन्न बताते हुए कहा था कि डिजिटल रूपया भारत की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वहीं अब आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी का बयान सामने आया है।
निदेशक अजय कुमार चौधरी ने डिजिटल रूपए के आगमन को ऐतिहासिक मील का पत्थर कहा है। डिजिटल मुद्रा से कार्यकुशलता और वित्तीय समावेशन में वृद्धि होगी। उन्होंने यह बात पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
उन्होंने बताया कि अब तक 10 देश डिजिटल मुद्रा लागू कर चुके हैं तथा 50 देश डिजिटल मुद्रा लाने की तैयारी में हैं। साथ ही डिजिटल रूपए को लेकर उन्होंने कहा कि यह लेन-देन के प्रचलित तरीकों को बदलेगा एवं प्रचलित तरीकों के बीच एक विकल्प के रूप में मौजूद होगा। सीबीडीसी केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा नियंत्रित डिजिटल मुद्रा है, उपभोगताओं को अलग अनुभव प्रदान करेगी तथा उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखेगी। उन्होंने डिजिटल करेंसी और यूपीआई जैसी इंटरनेट सुविधाओं में अंतर बताते हुए कहा कि यूपीआई के द्वारा भुगतान एवं लेनदेन करने पर प्रत्येक बैंक की जिम्मेदारी होती है। वहीं यदि आप डिजिटल करंसी का उपयोग करते हैं तो उसके लिए केंद्रीय बैंक आरबीआई जिम्मेदार होता है।
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