एब्स्ट्रैक्ट:आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व संस्थापक चंदा कोचर एवं उनके पति दीपक कोचर पर लगे आरोपों पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी गैरकानूनी थी। इसलिए कोचर दम्पति को इस मामले में ज़मानत दे दी गयी है।
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व संस्थापक चंदा कोचर एवं उनके पति दीपक कोचर पर लगे आरोपों पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी गैरकानूनी थी। इसलिए कोचर दम्पति को इस मामले में ज़मानत दे दी गयी है। आपको बता दें कोचर दंपत्ति पर वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गैरकानूनी तरीके से 3,250 करोड़ रुपए का लोन देने का आरोप लगा था। इस लोन की वजह से आईसीआईसीआई बैंक को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद चंदा कोचर ने 2018 में आईसीआईसीआई बैंक से इस्तीफा दे दिया था।
एक शिकायतकर्ता की शिकायत पर 2019 में सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति पर आईसीआईसीआई धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किया था। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने भी फरवरी 2019 में कोचर दंपत्ति सहित वीडियोकॉन संस्थापक वेणुगोपाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। दीपक कोचर, चंदा कोचर सहित वेणुगोपाल धूत सीबीआई की न्यायिक हिरासत में थे। पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले पर कोचर दम्पति की जल्दी सुनवाई करने की याचिका को नकार दिया था परंतु आज हाईकोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए इन दोनों को ज़मानत दे दी है। हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले का सीबीआई ने विरोध किया है। ज़मानत के लिए कोचर दंपति को एक- एक लाख रूपए की भरपाई करनी पड़ी। उनके वकील ने बताया कि कोचर दंपति को इसीलिए ज़मानत दी गई क्योंकि उनकी गिरफ्तारी अवैध रूप से की गई थी।
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