एब्स्ट्रैक्ट: भारतीय केंद्रीय बैंक आरबीआई ने पिछले वर्ष दिसंबर में डिजिटल करेंसी के रूप में सीबीडीसी की शुरुआत की थी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर बयान दिया था कि "भारत में डिजिटल करेंसी का आना ऐतिहासिक मील का पत्थर है।" उन्होंने डिजिटल करेंसी को प्रचलित मुद्रा के विकल्प के रूप में बताया था।
भारतीय केंद्रीय बैंक आरबीआई ने पिछले वर्ष दिसंबर में डिजिटल करेंसी के रूप में सीबीडीसी की शुरुआत की थी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर बयान दिया था “भारत में डिजिटल करेंसी का आना ऐतिहासिक मील का पत्थर है।” उन्होंने डिजिटल करेंसी को प्रचलित मुद्रा के विकल्प के रूप में बताया था।
आपको बता दें आरबीआई ने 2022 में सीबीडीसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था। आरबीआई द्वारा पहले चरण में केवल चार बैंकों को डिजिटल रूपए को जारी करने की अनुमति दी गई थी। जिनमें भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल थे। माना जा रहा है कि सीबीडीसी के दूसरे चरण में बैंक ऑफ़ बड़ौदा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी, कोटक बैंक को भी शामिल किया जाएगा। आरबीआई गवर्नर ने संकेत दिया कि अगले माह यानी फ़रवरी में सीबीडीसी के दूसरे चरण की शुरुआत हो सकती है। इससे जुड़े लोगों ने बताया कि सीबीडीसी के पहले चरण के दौरान आई कमियों को दूर करके। इस चरण में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। दूसरे चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत अन्य आठ शहरों को भी जोड़ा जाएगा। आशंका जताई जा रही है कि इसमें पटना, इंदौर, अहमदाबाद,गंगटोक,गुवाहाटी, हैदराबाद, कोच्चि, शिमला शामिल हो सकते हैं। इससे पहले केवल चार शहरों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, भुवनेश्वर इस करेंसी को जारी किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर,2022 से लेकर अब तक 16,000 से ज्यादा लोगों ने इस करेंसी का प्रयोग किया है एवं सीबीडीसी द्वारा 1.60 लाख भुगतान किए गए हैं।
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